CBSE 12th Result: कोरोना के चलते सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा कैंसिल हो गई है, लेकिन अब रिजल्ट तैयार करना बड़ी चुनौती है. अब बोर्ड के सामने कई विकल्प हैं जिसके आधार पर छात्रों का मूल्यांकन होगा. रिजल्ट तैयार करने के लिए उदाहरण के तौर पर दसवीं का सर्कुलर भी है, बोर्ड भी इसे आधार बनाकर रिजल्ट तैयार करेगा. आइए जानते हैं कि दसवीं बोर्ड परीक्षा के लिए सीबीएसई बोर्ड ने किस तरह का रिजल्ट मॉडल तैयार किया है. क्या हैं वो बिंदु जिसके आधार पर मूल्यांकन किया जा रहा है.
सीबीएसई ने पिछले महीने दसवीं की परीक्षा कैंसिल होने के बाद लगभग समान स्थिति में दसवीं कक्षा के छात्रों को अंक देने के लिए 17 पन्नों का एक रिजल्ट मॉडल सर्कुलर के तौर पर जारी किया था. दसवीं कक्षा के छात्रों को अंक देने के लिए बोर्ड ने दो व्यापक क्राइटेरिया तैयार किए हैं. इसमें पिछली परीक्षाओं और कक्षाओं में छात्र का प्रदर्शन और पिछली बोर्ड परीक्षाओं में स्कूल के प्रदर्शन को शामिल किया गया है.
दसवीं कक्षा में अंक देने के लिए बोर्ड ने एक ही समय में अंक निर्धारित करने में सतर्क रहने की कोशिश की थी. दसवीं कक्षा के लिए 1 मई को जारी सर्कुलर के अनुसार, बारहवीं कक्षा की परीक्षा रद्द होने के ठीक एक महीने पहले, स्कूलों में प्राचार्यों और शिक्षकों की कमेटी बनेगी जो अंक आवंटन तय करेगी.
आंतरिक मूल्यांकन के अनुसार परंपरागत रूप से अनुमत अंकों को फिर से उसी तरह असाइन करने की अनुमति दी गई थी. बाकी के लिए, यह निर्णय लिया गया कि समय-समय पर होने वाली परीक्षाओं, अर्धवार्षिक परीक्षाओं और प्री-बोर्ड परीक्षाओं को वेटेज दिया जाएगा. हालांकि, इसमें ये भी कहा गया था कि अलग-अलग स्कूलों में अलग-अलग मार्किंग मानक हो सकते हैं. इसलिए, विषम परिणामों की संभावना को खत्म करने के लिए सीबीएसई ने स्कूलों को पिछली बोर्ड परीक्षाओं में अपने स्वयं के प्रदर्शन के आधार पर अपने परिणामों को मॉडरेट करने के लिए कहा.
इसमें स्कूलों को अपने पिछले तीन वर्षों के प्रदर्शन को देखने और इसी आधार पर इस वर्ष का रिजल्ट उस आधार पर तय करने को कहा गया है जब उन्होंने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था. वहीं इस वर्ष को संदर्भ बिंदु के रूप में उपयोग किया जाएगा.
उदाहरण के लिए, यदि किसी स्कूल के छात्रों ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाले वर्ष में औसतन 78% अंक प्राप्त किए हैं, तो प्रदर्शन उनके मूल्यांकन के लिए एक संदर्भ बिंदु होगा. सीबीएसई ने विशिष्ट परिस्थितियों से निपटने के लिए विभिन्न स्कूलों को लचीलापन भी दिया है.
साथ ही स्कूलों को रिकॉर्ड बनाए रखने के लिए भी कहा गया है क्योंकि सीबीएसई यह भी सत्यापित करेगा कि उन्होंने प्रक्रियाओं का कैसे पालन किया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने aajtak.in को बताया कि दसवीं कक्षा का रिजल्ट मॉडल 12वीं के लिए काफी सहायक होगा. लेकिन ये मान लेना समय से पहले अनुचित होगा कि हूबहू उसी मॉडल को 12वीं के लिए कॉपी-पेस्ट किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि दोनों परीक्षाओं का दायरा अलग है. जहां दसवीं कक्षा की परीक्षा पारंपरिक रूप से छात्रों को स्ट्रीम चुनने की अनुमति देती है, वहीं बारहवीं कक्षा की परीक्षा वह आधार है जिससे उन्हें उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश मिलता है. इसलिए यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी छात्र का नुकसान न हो और प्रक्रिया पारदर्शी हो. एक पैनल इन सभी पहलुओं की जांच करेगा और इस प्रक्रिया में कुछ समय लगेगा. (रिपोर्ट- अमनदीप शुक्ला)
aajtak.in