Personality Development Tips and Psychological Tricks: जब हम किसी से मिलते हैं तो हम चाहते हैं कि सामने वाले पर हम अच्छा प्रभाव डालें और सामने वाला व्यक्ति हमें पसंद करे. कई बार हम ये भी चाहते हैं कि हमारे दोस्त या परिजन हमारी बात मानें. हालांकि, लोगों को अपनी बात मनवाना एक कठिन काम है. लेकिन हम आपको चार ऐसे साइकोलॉजिकल ट्रिक्स बताने जा रहे हैं, जिन्हें फॉलो करके आप लोगों पर अच्छा प्रभाव डाल सकते हैं. साथ ही इन साइकोलॉजिकल ट्रिक्स की मदद से आप लोगों से अपनी बात भी आसानी से मनवा सकते हैं.
आइए जानते हैं कौन सी हैं वो साइकोलॉजिकल ट्रिक्स, जिससे आप लोगों से अपनी बात मनवा सकते हैं, साथ ही उनपर एक अच्छा प्रभाव भी डाल सकते हैं.
1) अगर आपको चाहिए कि सामने वाला व्यक्ति आपकी बात मानें तो जरूरी है कि सामने वाला आपको पसंद करे. ऐसा करने के लिए ध्यान रखें कि जब आप किसी से बात करें तो आप उसकी बॉडी लैंग्वेज को कॉपी करें. हालांकि, ध्यान रखना है कि जब आप ऐसा करें तो सामने वाले के कोई भी एक्शन को कॉपी करने में थोड़ा समय लें. जैसे कि अगर आप किसी सी बात कर रहे हैं और सामने वाले व्यक्ति ने बात करते वक्त अपने हाथों को क्रॉस किया है तो आप ऐसा करने से पहले कम से कम 30 सेकेंड का टाइम लें. तुरंत ही सामने वाले के एक्शन को कॉपी न करें.
2) अगर आपको किसी से अपनी बात मनवानी है तो बातचीत के समय 'Because' शब्द का इस्तेमाल करें. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की मनोविज्ञान की प्रोफेसर Ellen Langer ने 1978 में एक रिसर्च की. इस रिसर्च का नतीजा ये निकला कि जब आप किसी बातचीत के दौरान 'Because' शब्द का प्रयोग करते हैं तो ज्यादातर समय ऐसा होता है कि सामने वाला व्यक्ति आपकी बात मान जाता है.
3) अगर आप चाहते हैं कि लोग आपको पसंद करें या आपकी बातों से आपको याद रखें तो कोशिश करनी चाहिए कि या तो आप बात की शुरुआत करें या किसी भी चर्चा के समय अपनी बात सबसे आखिरी में कहें. मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि हमारे दिमाग में किसी भी इवेंट की शुरुआत और अंत हमारे दिमाग में ज्यादा समय तक रहता है. अगर आप किसी इंटरव्यू में बैठे हैं तो कोशिश करें या तो आप सबसे पहले इंटरव्यू के लिए जाएं या सबसे आखिरी में.
4) अगर आप किसी डिबेट या चर्चा के लिए बैठे हैं तो कोशिश करें कि जो भी आपके विचारों से सहमत नहीं होता है और आपकी हर बात पर आलोचना करता है, आप उसके बिल्कुल साइड में बैठें. जब आप दोनों के शरीर की दिशा समान होती है और आप अपने अपोनेंट के पास बैठे होते हैं तो आलोचना करने वाले व्यक्ति को असहजता महसूस होती है. ऐसा करने से आपका अपोनेंट आपकी ज्यादा आलोचना नहीं कर पाएगा और आप अपनी बात बेहतर तरीके से रख पाएंगे.
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