चार बार फेल-बिना कोचिंग तैयारी, इस स्ट्रेटजी से संजीता ने पाई UPSC में 10वीं रैंक

कहते हैं कि इंसान हार माने बगैर लगातार कोश‍िश करे तो एक न एक दिन अपनी मंज‍िल जरूर पा लेता है. ओडिशा की संजीता मोहपात्रा की कहानी भी कुछ ऐसी है. चार बार फेल होकर पांचवीं बार में उन्होंने UPSC में 10वीं रैंक हासिल की है. जानें कैसे की तैयारी, क्या है स्ट्रेटजी.

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UPSC CSE 2019 10th rank Sanjita Mohapatra UPSC CSE 2019 10th rank Sanjita Mohapatra

aajtak.in

  • नई द‍िल्ली ,
  • 18 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 3:59 PM IST

ओडिशा के राउरकेला की रहने वाली संजीता मोहपात्रा ने बिना क‍िसी कोचिंग के साल 2019 में पांचवें प्रयास में यूपीएससी में 10वीं रैंक हासिल की है. इंजीनियर के पेशे में रम चुकीं संजीता ने कभी आईएएस बनने का सपना देखा था और उसके लिए अपनी पूरी जान लगा दी. आखिर में वो सफलता के मुकाम तक पहुंच गईं. 

संजीता माहापात्रा का ये पूरा सफर बहुत लंबा लेकिन चुनौत‍ियों से भरा रहा है. जब उनके आसपास के लोगों का हौसला भी जवाब देने लगा था, तब भी संजीता टिकी रहीं. आख‍िर में उन्होंने अपनी मंजिल पा ही ली. एक वीडियो इंटरव्यू में संजीता ने अपने बारे में चिलचस्प जानकारियां साझा कीं. 

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बता दें कि संजीता का जन्म और शुरुआती शिक्षा राउरकेला से ही हुई. 12वीं के बाद उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग से बीटेक किया. बचपन से पढ़ने में अव्वल संजीता ने कभी फेल शब्द का सामना नहीं किया था क्योंकि वो हमेशा सिर्फ पास ही नहीं बल्क‍ि अच्छे नंबरों से अव्वल रहती थीं. वो बचपन से ही आईएएस बनने का ख्वाब देखती थीं, लेकिन 12वीं के बाद उन्होंने सबके कहने पर इंजीनियरिंग का चुनाव किया. लेकिन कॉलेज खत्म होने के बाद उन्होंने तीन बार यूपीएससी का प्रयास किया जिसमें सफल नहीं हो सकीं. 

फिर बीटेक के बाद संजीता मोटी सैलरी वाली सरकारी नौकरी करने लगीं. नौकरी के बिजी शेड्यूल के बीच भी उनके भीतर बचपन का सपना जाग रहा था. ये सपना था आईएएस ऑफिसर बनने का. इसलिए उन्होंने इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए. शुरुआती दो अंटेम्प्ट में वो सफल नहीं हो सकीं. 

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UPSC 10th rank Sanjita Mohapatra

संजीता ने एक इंटरव्यू में बताया कि मैं पहले के तीन प्रयास में सफल नहीं हो पाई थी, इसलिए अब मैं सोच रही थी कि जरूर तैयारी में कोई खामी रह गई है. इसलिए मैंने पहले इस पर काम किया कि आखिर यह परीक्षा है क्या और इसे पास करने के लिए किस स्तर के प्रयास करने पड़ेंगे. 

पैटर्न को समझकर की तैयारी 

संजीता ने परीक्षा के पूरे पैटर्न को समझकर तैयारी शुरू की. संजीता की स्ट्रेटजी की बात करें तो उन्होंने पूरा गाइडेंस इंटरनेट से लिया और तैयारी शुरू कर दी. तैयारी और नौकरी के बीच उन्हें जब मुश्क‍िल नजर आई तो उन्होंने अच्छी सैलरी वाली नौकरी को छोड़कर तैयारी को चुना. लेकिन इसी बीच उनकी शादी हो गई तो एक और जिम्मेदारी आ गई, लेकिन वो लक्ष्य से डिगी नहीं और तैयारी करती रहीं. 

फिर चौथी बार भी मिली हार 

इत्तेफाक से चौथे प्रयास में भी संजीता सफल नहीं हो पाईं. ये उनके लिए भीतर तक हिला देने वाला अनुभव था. लेकिन उन्हें इस बात की खुशी थी कि इस बार वो प्री निकाल चुकी थीं और मेंस में सफल नहीं हो पाई थीं. मन ही मन संजीता ने तय किया कि अब जब मेंस तक पहुंच गई हूं तो आगे भी तैयारी जारी रखूंगी. इस तरह वो फिर से तैयारी में जुट गईं. ससुराल वाले भी उनका हौसला देखकर दंग थे, सभी संजीता का साथ दे रहे थे. 

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फिर ऐसे मिली सफलता

फिर साल 2019 में उन्होंने परीक्षा दी तो प्री और मेंस ही नहीं इंटरव्यू भी उनका काफी अच्छा गया. ये उनका पांचवां प्रयास था जिसमें उन्होंने एक तरह से सफलता के श‍िखर पर पहुंचते हुए यूपीएससी में दसवीं रैंक हासिल की. 

एनसीईआरटी से की तैयारी 

संजीता ने बताया कि प्री और मेंस की तैयारी के लिए उन्होंने सबसे ज्यादा NCERT की किताबों का सहारा लिया. इसके अलावा जीएस के लिए करेंट अफेयर्स, न्यूज मैगजीन और न्यूज पेपर्स का सहारा लिया. इंजीनियरिंग बैकग्राउंड की होने के बावजूद संजीता ने अपना ऑप्शनल सोशियोलॉजी चुना क्योंकि उन्हें यह पसंद था. इसकी थॉरो नॉलेज के लिए उन्होंने कुछ दिन कोचिंग भी ली लेकिन बाकी सेल्फ स्टडी करके ही तैयारी की. बाकी मॉक टेस्ट और टेस्ट सीरीज का भी सहारा लिया. 

 

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