UP में 202 टीचर्स ने पहले फर्जी डिग्री ली और नौकरी भी पा ली... फिर ऐसे हुआ पूरे रैकेट का पर्दाफाश

उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के फर्जीवाड़े में दलालों की भूमिका भी सामने आई है. कहा जा रहा है कि दलालों ने भी अभ्यर्थियों को फर्जी मार्कशीट बनाकर दी. जेएस विश्वविद्यालय के सर्वर से लिए गए बैकअप में भी डिग्री प्रिंटिंग का डेटा सत्यापित किया गया है.

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यूपी यूनिवर्सिटी की फ़र्ज़ी BPED मार्कशीट से 202 शिक्षकों को नौकरी मिली है. (Photo: AI Generated) यूपी यूनिवर्सिटी की फ़र्ज़ी BPED मार्कशीट से 202 शिक्षकों को नौकरी मिली है. (Photo: AI Generated)

शरत कुमार

  • शिकोहाबाद,
  • 28 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 6:13 PM IST

उत्तर प्रदेश में फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी पाने वाले बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है. जांच में सामने आया है कि एक यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्रियां हासिल कर 202 लोगों ने विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरियां हासिल की हैं.

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने PTI यानी शारीरिक शिक्षा अध्यापक सीधी भर्ती परीक्षा 2022 में बीपीएड डिग्रियों के एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है. एसओजी की जांच में सामने आया है कि 203 अभ्यर्थियों में से 202 अभ्यर्थियों ने उत्तरप्रदेश शिकोहाबाद के जेएस विश्वविद्यालय से बीपीएड कोर्स की फर्जी मार्कशीट लगाकर नियुक्तियां पा लीं. इन 203 में से सिर्फ एक अभ्यर्थी की डिग्री ही वैध पाई गई है.

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जांच अधिकारी और एसओजी के एएसपी धर्माराम गिला ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है. पूरे घटनाक्रम का खुलासा जेएस विश्वविद्यालय के सर्वर (आईपी एड्रेस) से डाउनलोड किए गए डाटा से हुआ है. दरअसल, जेएस विश्वविद्यालय को हर सत्र के लिए 100 सीटों की मान्यता है. लेकिन, 2082 अभ्यर्थियों ने जेएस विश्वविद्यालय की डिग्रियों के आधार पर भर्ती में आवेदन किया था. इसी संदेह का ध्यान में रखते हुए पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.

कोर्स कहीं और डिग्री किसी और यूनिवर्सिटी की

एसओजी की जांच में सामने आया है कि 25 अभ्यर्थियों ने अन्य यूनिवर्सिटी से बीपीएड का कोर्स उत्तीर्ण करना बताया है. लेकिन, उनके द्वारा सत्यापन के लिए जेएस विश्वविद्यालय की मार्कशीट लगाई गई. वहीं, करीब 26 अभ्यर्थियों ने अलग शिक्षा सत्र की डिग्रियां लगाई तो वहीं 9 अन्य ने बीपीएड की फर्जी मार्कशीट लगा रखी थीं.

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43 अभ्यर्थियों की 2020 - 2022 सत्र की मार्कशीट परीक्षा तिथि 25 सितंबर 2022 के बाद की थी. अब एसओजी ने जेएस विश्वविद्यालय प्रशासन और 165 अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में हैं. इसके अलावा 37 अभ्यर्थियों (सीरियल नंबर 166 से 202 तक) के खिलाफ डमी अभ्यर्थी बिठाने या फर्जी मार्कशीट प्राप्त की हो. इसका प्रकरण पूर्व के दर्ज है.

203 में से एक ही अभ्यर्थी की डिग्री सही

हार्ड डिस्क में मौजूदा डाटा का विश्लेषण करने पर पाया गया कि परीक्षा में जेएस विश्वविद्यालय के बीपीएड कोर्स के शिक्षा सत्र 2017 - 19, 2018- 20, 2019- 21, 2020- 22 में प्राप्त 203 डिग्री धारकों में से सिर्फ एक अभ्यर्थी (कुलराज सिंह पुत्र प्रेम सिंह) की ही डिग्री सही पाई गई है.

दलालों की भी रही भूमिका

इस पूरे फर्जीवाड़े में दलालों की भूमिका भी सामने आई है. कहा जा रहा है कि दलालों ने भी अभ्यर्थियों को फर्जी मार्कशीट बनाकर दी. जेएस विश्वविद्यालय के सर्वर से लिए गए बैकअप में भी डिग्री प्रिंटिंग का डेटा सत्यापित किया गया है.

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