राजस्थान के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में एक जैसी होगी यूनिफॉर्म, शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी

राजस्थान के सरकारी और निजी स्कूलों में अब एक जैसी यूनिफॉर्म होगी. इसके साथ ही टीचरों की ड्रेस कोड तय करने की योजना है. इसकी  शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कोटा ने दी.

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राजस्थान में अब सरकारी और निजी स्कूलों के छात्रों की यूनिफॉर्म एक जैसी होगी। साथ ही, शिक्षकों के लिए भी ड्रेस कोड तय करने की योजना बनाई जा रही है. (Photo: AI Generated) राजस्थान में अब सरकारी और निजी स्कूलों के छात्रों की यूनिफॉर्म एक जैसी होगी। साथ ही, शिक्षकों के लिए भी ड्रेस कोड तय करने की योजना बनाई जा रही है. (Photo: AI Generated)

चेतन गुर्जर

  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 8:59 AM IST

राजस्थान में शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव की तैयारी है. राज्य के सरकारी और निजी स्कूलों की यूनिफॉर्म अब एक जैसी होगी, जिसमें टाई शामिल नहीं होगी. वहीं, शिक्षकों के लिए भी यूनिफॉर्म लागू करने और आईडी कार्ड अनिवार्य करने की योजना बनाई जा रही है. यह घोषणा शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कोटा विश्वविद्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान की.

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शिक्षा मंत्री दिलावर ने बताया कि राज्य में अब शैक्षणिक सत्र 1 अप्रैल से शुरू होगा, ताकि छात्रों को समय पर किताबें मिल सकें और वे गर्मी की छुट्टियों में पढ़ाई की तैयारी कर सकें। उन्होंने कहा कि यह बदलाव शिक्षा व्यवस्था को अधिक सुव्यवस्थित और व्यावहारिक बनाएगा.

कर्मचारियों की उपस्थिति राष्ट्रगान-राष्ट्रगीत से जुड़ी होगी
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि अब स्कूल शिक्षा, संस्कृत शिक्षा और पंचायती राज विभाग के कार्यालयों में राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत अनिवार्य रूप से होंगे. उन्होंने कहा- कर्मचारियों की हाजिरी तभी लगेगी जब वे राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत के दौरान उपस्थित रहेंगे. बच्चों की उपस्थिति की जानकारी अब सीधे अभिभावकों को - दिलावर ने बताया कि अब माता-पिता को अपने बच्चे की उपस्थिति की जानकारी शाला दर्पण पोर्टल के जरिए मिलेगी.

जल्द लागू होगी योजना
अगर कोई विद्यार्थी स्कूल नहीं पहुंचता, तो उसके अभिभावक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर तुरंत सूचना जाएगी. इस व्यवस्था से माता-पिता को अपने बच्चों की उपस्थिति, सुरक्षा और नियमितता की जानकारी वास्तविक समय पर मिलेगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि विभाग ने इस सिस्टम की तैयारी पूरी कर ली है और इसे जल्द पूरे राज्य में लागू किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उनके पास तीन विभागों - पंचायती राज, शिक्षा और संस्कृत विभाग  की जिम्मेदारी है, और इन सभी में अनुशासन और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नई नीतियां लागू की जा रही हैं.

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