मंदिर के लाउडस्‍पीकर से बच्‍चों की पढ़ाई, लॉकडाउन में क्‍लास के लिए बोकारो के शिक्षक की अनोखी पहल

पूरे गांव के चौक चौराहों में हिंदी वर्णमाला एवं अंग्रेजी वर्णमाला का पोस्टर दीवारों में चिपकाकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. मंदिर में लगे लाउडस्पीकर के द्वारा पोस्टर में छपी वर्णमाला के शब्दों को बोला जाता है, जिसके बाद बच्चे उसे सुनकर पढ़ते और लिखते हैं.

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Bheem Mahto Bheem Mahto

संजय कुमार

  • बोकारो,
  • 18 जून 2021,
  • अपडेटेड 7:00 PM IST
  • भीम महतो गांव के बच्‍चों काे मुफ्त में पढ़ाते हैं
  • गांव के सभी लोगों ने उनके प्रयास को सराहा है

झारखंड के बोकारो जिला मे एक शिक्षक द्वारा बच्चो को पढ़ाने को लेकर एक अनोखी पहल की गई है. शिक्षक भीम महतो ने मंदिर में लगे लाउडस्पीकर से गांव के बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया है. बोकारो जिला के चंद्रपुरा प्रखंड के पपलो पंचायत अंतर्गत जुनौरी गांव में शिक्षक भीम महतो ने यह पहल की है. उन्‍होंने जुनौरी गांव स्थित शिव मंदिर में लगे लाउडस्पीकर द्वारा बच्चों को पढ़ना शुरू किया है.

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उनके द्वारा पूरे गांव के चौक चौराहों में हिंदी वर्णमाला एवं अंग्रेजी वर्णमाला का पोस्टर दीवारों में चिपकाकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. महतो द्वारा मंदिर में लगे लाउडस्पीकर के द्वारा पोस्टर में छपी वर्णमाला के शब्दों को बोला जाता है, जिसके बाद बच्चे उसे सुनकर पढ़ते और लिखते हैं. इस काम के लिए जुनौरी गांव के सभी ग्रामीण इस अनोखे प्रयास की सरहाना कर रहे है.

एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण के कारण पूरे भारतवर्ष में सरकारी एवं निजी विद्यालय लगभग डेढ़ वर्षो से बंद हैं और समर्थ माता-पिता के बच्‍चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, वहीं गांव के गरीब बच्चों के पास ऐसा काई उपाय नहीं है. इसे देखते हुए गांव के बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसलिए गांव के चौक चौराहों पर वर्णमाला का पोस्टर दीवारों में लगाकर बच्चों को पढ़ाने के मकसद से यह पहल शुरू की गई है.

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राज्यकीय मध्य विधलाय जुनौरी के शिक्षक महतो अपने घर से पांच किलोमीटर दूर लगातार क्षेत्र में बच्चों को निःशुल्क पढ़ाने के साथ, अपने निजी मद से कॉपी, पेन, मास्क, सैनिटाइजर, बिस्कुट देने का भी काम करते हैं. उन्होंने घटियारी पंचायत के मंगलडाडी गांव में बसे मल्हार परिवार के बच्चों को सबसे पहले पढ़ाने की शुरुआत की है. इन बच्चों को किताब, कॉपी, पेन, पेंसिल, पोशाक, मास्क, सैनिटाइजर, भोजन एवं अभिभावकों के लिए साड़ी, शॉल, समेत कई समानो को देने का कार्य वे कर रहे हैं.

ग्रामीण चंद्रिका गिरी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सभी बच्चे पढ़ाई से दूर होते जा रहे थे, लेकिन भीम महतो ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर परिसर में लगे लाउडस्पीकर के माध्‍यम से बच्चों को पढ़ाना शुरू किया है. यह बहुत ही सराहनीय कार्य है. गांव की ही प्रमिला देवी ने कहा कि जो कार्य शिक्षक भीम महतो ने किया है, हमने कभी सोचा नही था. इस तरह की पढ़ाई से बच्चों को मनोबल बढ़ा है.

वहीं गांव के अन्य ग्रामीणों ने कहा कि आज तक इस गांव में कोई भी लोग देखने तक नही आये हैं. शिक्षक भीम महतो ने हम लोगों के बच्चों को निःशुल्क पढ़ाने के साथ सभी का नामांकन भी स्‍कूल में करा दिया है. इन्होंने जो योगदान हम लोगो के बच्चों के प्रति किया है, वो कई नहीं कर सकता है. हम सभी मल्हार परिवार इनके शुक्रगुजार हैं जो इन्‍होंने बच्चों को सही समय पर सही राह दिखाने के कार्य किया है.

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वहीं शिक्षक भीम महतो ने कहा कि समाज के हित के लिए मैं हमेशा तत्पर रहता हूं. कोरोना काल मे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही थी, इसे देखते हुए विद्यालय के पहले एवं विद्यालय के बाद बचे हुए समय का उपयोग करते हुए गरीब बच्चों को पढ़ाने का कार्य कर रहा हूं. मंगलडाडी गांव में भी विद्यालय को मूर्त रूप देकर पढ़ाने का कार्य किए थे तो आज वहां के बच्चे काफी अच्छे से पढ़ लिख रहे हैं.

 

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