पुणे के ग्रामीण इलाकों में आज से स्‍‍कूल लौट रहे बच्‍चे, स्‍टूडेंट्स के लिए अनोखा नियम लागू

एक कक्षा में 50% छात्रों को अनुमति देने वाले सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए, स्कूल ने एक नियम बनाया है कि लड़कियों को एक दिन बुलाया जाएगा, जबकि लड़कों को दूसरे दिन बुलाया जाएगा.

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Students in Pune School (Image Credit: ANI) Students in Pune School (Image Credit: ANI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:21 PM IST
  • 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ रहे छात्र आज अच्छी संख्या में स्‍कूल आए
  • लगभग 8 महीने के प्रतिबंध के बाद स्‍कूल में छात्र दिखाई दिए

राज्य सरकार के फैसले के बाद महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में 9वीं से 12वीं के स्कूल आज 23 नवंबर से खुल गए हैं. पुणे के कुछ ग्रामीण हिस्सों में स्कूल लगभग 8 महीने बाद फिर से खुले हैं. महात्मा गांधी सर्वोदय संघ ट्रस्ट द्वारा संचालित पुणे के उरुली कंचन गांव में महात्मा गांधी जूनियर कॉलेज सरकार द्वारा जारी सभी दिशा-निर्देशों के साथ आज फिर से खुल गया. 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ रहे छात्र आज अच्छी संख्या में आए और लगभग 8 महीने के प्रतिबंध के बाद स्‍कूल में छात्र दिखाई दिए. स्कूल ने सरकार द्वारा प्रदान की गई SOP का पालन करने के लिए सभी व्यवस्थाएं की हैं.

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एक कक्षा में 50% छात्रों को अनुमति देने वाले सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए, स्कूल ने एक नियम बनाया है कि लड़कियों को एक दिन बुलाया जाएगा, जबकि लड़कों को दूसरे दिन बुलाया जाएगा. स्‍कूल आ रहे सभी छात्रों को ऑक्सीमीटर से चेक किया जा रहा है, तथा उन्‍हें स्‍कूल के भीतर एंट्री से पहले सैनिटाइज़ भी किया जा रहा है. 

 

पुणे के केवल ग्रामीण भागों में स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति है. हालांकि पुणे नगर निगम और पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम ने कोविड संक्रमित मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्‍कूलों को फिर से खोलने को स्थगित कर दिया है. राज्य सरकार ने 23 नवंबर से 9 वीं से 12 वीं कक्षा के लिए स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति प्रदान की थी, इसके बावजूद कि सरकार ने जिला प्रशासन को अपने क्षेत्र की स्थिति के अनुसार स्‍कूल खोलने का फैसला लेने की अनुमति दी थी. 

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