कड़कड़डूमा कोर्ट में आज DSSSB के चेयरमैन संतोष जी वैद्य पेश हुए. यहां उन्होंने एससी कैटेगरी की महिलाओं से माफी मांगी. उन्होंने कोर्ट को बताया कि जिन लोगों ने पेपर सेट किया था. उनके ख़िलाफ़ विभागीय कारवाई की गई है. इसके अलावा उन लोगों को पेपर सेट करने वाले ग्रुप से भी हटा दिया गया है.
कोर्ट ने DSSSB के चेयरमैन संतोष जी वैद्य को इस मामले में अपना लिखित जवाब कोर्ट में दाख़िल करने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि इस जवाब में ये भी बताया जाए कि किन किन लोगों के खिलाफ अब तक क्या क्या कारवाई की गई है. कोर्ट ने DSSSB के चेयरमैन संतोष जी वैद्य को इस मामले में अपना जवाब दाख़िल करने के लिए 25 नवंबर तक का वक़्त दे दिया है.
आरोप है कि DSSSB ने परीक्षा में अनुसूचित जाति की महिलाओं के बारे में दो बार अपमान जनक सवाल पूछा, जिसके परिणामस्वरूप वकील सत्य प्रकाश गौतम ने कोर्ट में चेयरमैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कोर्ट में शिकायत की. जिस पर आज कोर्ट ने चेयरमैन को पेश होने के आदेश दिए थे.
कड़कड़डूमा कोर्ट के जज रविंद्र बेदी ने पिछली तारीख पर DSSSB के चेयरमैन को 28 अक्टूबर को निजी तौर पर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था. इसके अलावा DCP को उनकी उपस्थिति सुनिश्चित कराने को कहा था. साल 2018 और 2019 में प्राइमरी टीचरों की भर्ती के लिए डीएसएसएसबी के द्वारा एग्जाम कराए गए थे.
इसी दौरान अनुसूचित जाति और जनजाति से जुड़े कुछ ऐसे सवाल प्रश्न पत्र में थे जो अपमानजनक थे इसी को लेकर डीएसएसएसबी के चेयरमैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर कोर्ट में एक याचिका लगाई गई थी. इसी महीने हुई पिछली सुनवाई में डीएसएसएसबी के चेयरमैन कोर्ट के आदेश के बावजूद अदालत में पेश नहीं हुए थे बल्कि उनकी तरफ से उनका वकील पेश हुआ था जिस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए उन्हें कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे.
कोर्ट ने कहा था कि अगर अगली तारीख 28 अक्टूबर को वो कोर्ट में पेश नहीं हुए तो कोर्ट डीएसएसएसबी के चेयरमैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी कर देगा. पिछली सुनवाई पर डीएसएसएसबी के चेयरमैन की तरफ से पेश हुए वकील ने यह दलील दी थी की प्रश्न पत्र में दिए गए सवाल को फ़िलहाल चेयरमैन के तौर पर काम कर रहे संतोष जी वैद्य के द्वारा नहीं लिखा गया बल्कि ये पिछले चेयरमैन की अध्यक्षता में प्रश्न पत्र तैयार किए गए थे.
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पूनम शर्मा