NEET UG Controversy: आज सुप्रीम कोर्ट में CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने NEET याचिकाओं पर सुनवाई की है. इस पीठ का नेतृत्व भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और दो अन्य न्यायाधीश जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा कर रहे थे. सीजेआई ने कहा है कि याचिकाकर्ता की ओर से पेश सभी वकील इस बात पर अपनी दलीलें पेश करेंगे कि दोबारा परीक्षा क्यों होनी चाहिए और केंद्र तारीखों की पूरी सूची भी देगा और हम इस मामले को गुरुवार को सुन सकते हैं. सीबीआई भी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर सकती है.
बता दें कि आज कोर्ट में कुल 38 याचिकाओं पर सुनवाई हुई है. इनमें से 34 याचिकाएं स्टूडेंट्स, टीचर्स और कोचिंग इंस्टीट्यूट्स ने दायर की हैं, जबकि 4 याचिकाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने लगाई हैं.
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केंद्र सरकार ने री-एग्जाम पर क्या कहा?
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने री-एग्जाम को लेकर अपना पक्ष रखा है. शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर करके नीट एग्जाम रद्द की मांग का विरोध किया था. सरकार ने हलफनामे में कहा है कि कथित गड़बड़ी केवल पटना और गोधरा केंद्रों में हुई थी और व्यक्तिगत उदाहरणों के आधार पर पूरी परीक्षा रद्द नहीं की जानी चाहिए. अनुचित साधनों और पेपर लीक के व्यक्तिगत उदाहरणों से पूरी परीक्षा खराब नहीं हुई है. अगर परीक्षा प्रक्रिया रद्द कर दी जाती है तो यह लाखों छात्रों के शैक्षणिक करियर से जुड़े बड़े सार्वजनिक हित के लिए ज्यादा हानिकारक होगा. पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच कर रही है. ये बातें शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के डायरेक्टर वरुण भारद्वाज ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामें कही हैं.
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सीजेआई ने कहा है कि याचिकाकर्ता की ओर से पेश सभी वकील इस बात पर अपनी दलीलें पेश करेंगे कि दोबारा परीक्षा क्यों होनी चाहिए और केंद्र तारीखों की पूरी सूची भी देगा और हम इस मामले को बुधवार को सुन सकते हैं. सीबीआई भी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर सकती है.
इन्पुट- कनु शारदा
CJI: पिछले वर्षों में कितने छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे?
वकील: वही संख्या
CJI: क्या हम इस डेटा को साइबर फोरेंसिक विभाग में डेटा एनालिटिक्स यूनिट में डालकर पता लगा सकते हैं, क्योंकि हमें यह पहचानना है कि क्या पूरी परीक्षा प्रभावित हुई है, क्या गलती करने वालों की पहचान करना संभव है, ऐसी स्थिति में केवल उन्हीं छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा का आदेश दिया जा सकता है.
इन्पुट- कनु शारदा
CJI ने कहा कि क्या इस मामले में किसी एक्सपर्ट को शामिल कर सकते है? इस मामले में सेल्फ डिनायल सही नहीं होगा. CJI ने पूछा कि हमें ये बात भी देखनी है कि भविष्य में इस तरह की बात न हो. उसको लेकर क्या किया जा सकता है. हम इस प्रतिष्ठित परीक्षा की बात कर रहे हैं. मिडिल क्लास परिवार के अभिभावक बच्चे मेडिकल में जाने के लिए लालायित रहते हैं. CJI ने कहा कि हम सरकार से ये जानना चाहते हैं कि सरकार ने इस मामले में क्या किया है? 100 फीसदी अंक 67 छात्रों को मिले हैं. हमें इस बात को समझना होगा कि मार्क देने का तरीका क्या है.
इन्पुट- कनु शारदा
CJI ने पूछा कि हमारी साइबर फोरेंसिक टीम के पास किस तरह की टेकनोलॉजी है. क्या हम सभी संदिग्ध का एक डेटा तैयार नहीं कर सकते. इस परीक्षा में जो हुआ और हम जो कदम उठा रहे हैं उससे आगे पेपर लीक नहीं होना चाहिए.
CJI ने पूछा कि लीक के कारण कितने छात्रों के परिणाम रोके गए हैं? छात्र कहां हैं? 23 जून को 1563 छात्रों की दोबारा परीक्षा हो चुकी है।.क्या हम अभी भी गलत काम करने वालों की तलाश कर रहे हैं. क्या हम छात्रों का पता लगा पा रहे हैं? परीक्षा रद्द करना अंतिम उपाय होना चाहिए क्योंकि इसमें बहुत से छात्र शामिल हैं.
CJI- सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? यह एक स्वीकार्य तथ्य है कि लीक हुआ है. हम केवल यह पूछ रहे हैं कि लीक से क्या फर्क हुआ है? हम 23 लाख छात्रों के जीवन से निपट रहे हैं. यह 23 लाख छात्रों की चिंता है जिन्होंने परीक्षा की तैयारी की है, कई ने पेपर देने के लिए काफी ट्रैवल भी किया है. इसमें खर्चा भी हुआ है.
CJI- यह प्रतिकूल मुकदमा नहीं है, क्योंकि हम जो भी निर्णय लेंगे, वह छात्रों के जीवन को प्रभावित करेगा. 67 उम्मीदवारों ने 720/720 अंक प्राप्त किए थे, अनुपात बहुत कम था.
दूसरा, केंद्रों में बदलाव, यदि कोई अहमदाबाद में पंजीकरण करता है और अचानक चला जाता है. हमें अनाज को भूसे से अलग करना होगा ताकि पुन: परीक्षण किया जा सके. हम NEET के पैटर्न को भी समझना चाहते हैं.
SG तुषार मेहता- 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 56 शहरों में स्थित 95 केंद्रों में परीक्षा में शीर्ष 100 छात्र हैं.
CJI- कितनी एफआईआर?
SG- एक एफआईआर पटना में है.
CJI- एक बात तो साफ है कि लीक हो गया है और परीक्षा की पवित्रता से समझौता किया गया है.
सीजेआई ने कहा: यदि परीक्षा की पवित्रता खत्म हो जाती है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा. यदि दागी और बेदाग को अलग करना संभव नहीं है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा.
यदि लीक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से हुआ है, तो यह जंगल में आग की तरह फैल सकता है और बड़े पैमाने पर लीक हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने पूरी प्रक्रिया में "रेड फ्लैग" की जांच के लिए एक समिति गठित करने का सुझाव दिया है.
NTA ने कोर्ट में क्या है?
ऐसा लगता है कि यह सब बहुत छोटे स्तर पर हुआ है. वे दोनों बातें कह रहे हैं. उनका कहना है कि सीबीआई जांच कर रही है. पटना, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और झारखंड में 6 एफआईआर दर्ज हैं. प्रश्नपत्र मोबाइल फोन पर टेलीग्राम ऐप के जरिए सर्कुलेट कर लीक किया गया. हमारे पास इसके वीडियो हैं. 5 मई को एक स्कूल में रखे वाईफाई प्रिंटर से प्रिंटआउट निकाले गए. बिहार पुलिस 2-3 उम्मीदवारों की नहीं, बल्कि उम्मीदवारों के ग्रुप की बात कह रही है
याचिकाकर्ता के वकील- इस बात की जांच की जा रही है कि बक्सों की कस्टडी के दौरान किस समय लीकेज हुई.
CJI- आपके मुताबिक परीक्षा की पूरी विश्वसनीयता खत्म हो गई है और दागी व बेदाग लोगों में अंतर करना संभव नहीं है. इसका तथ्यात्मक आधार क्या है?
याचिकाकर्ता के वकील- बिहार पुलिस, जिसने पहली एफआईआर दर्ज की थी, उसने पाया कि पेपर लीक हुआ था. जांच में उन्होंने पाया कि प्रश्नपत्र को पहुंचाने के लिए निर्धारित मानक एसओपी का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया था. उन्होंने पाया कि प्रश्नपत्र लीक करने वाले गिरोह द्वारा मोबाइल फोन पर इसे रिसीव किया गया था.
SG तुषार मेहता ने कहा कि एक जगह, जहां कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है और लाभार्थियों कि पहचान की गई है उनका परिणाम रोक दिया गया है.
याचिकाकर्ता के वकील नरेंद्र हुड्डा ने दलील दी है कि प्रश्न पत्रों की आपूर्ति वाले बैंकों को लेकर भ्रम की स्थिति थी, क्योंकि सूचना थी कि प्रश्न पत्र भारतीय स्टेट बैंक से आएंगे. उसमें केनरा बैंक से आने की भी बात आ गई. वकील नरेंद्र हुड्डा ने आगे कहा कि प्रश्नपत्रों के दो सेट आने थे एक स्टेट बैंक से और दूसरे केनरा बैंक से. वहीं देरी हुई. पेपर परीक्षा से कुछ मिनट पहले आने थे. उन्होंने आगे कहा कि NEET 2024 पेपर लीक होने के कई मामले सामने आए हैं. पटना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. ये आश्चर्यजनक है कि 67 कैंडिडेट को 100% मार्क्स मिले थे.
इस दलील पर CJI ने कहा कि 'क्या इस बात को माना जाए कि पेपर लीक हुआ है?' NTA ने कहा कि पटना में कथित पेपर लीक का मामला आया है. लाभार्थियों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, याचिकाकर्ता के वकील - बिहार पुलिस का कहना है कि NTA ने मानक एसओपी का पालन नहीं किया है. गलती सिस्टम स्तर पर है. यह बड़े पैमाने पर है. इसको लेकर एनटीए का कहना है कि अभी हम यह नहीं कह सकते कि गलती सिस्टम स्तर पर है या नहीं, और पूरे घोटाले का दायरा क्या है?
याचिका कर्ताओं के वकील ने बहस शुरू करते हुए कहा कि वो 5 मई को हुई परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं. इसके बाद CJI ने पूछा कि NTA ने परीक्षा की घोषणा कब की? याचिकाकर्ता ने कहा 9 फरवरी को.
फिलहाल याचिकाकर्ता के वकील पूरी परीक्षा के आयोजन और रिजल्ट नोटिफिकेशन की तारीख के बारे में कोर्ट को बता रहे हैं.
नीट सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता नरिंदर हुड्डा ने कहा कि हम परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं. 9 फरवरी को परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन जारी किए गए थे और परिणाम 4 जून जारी हुआ था. 3 मई को एक निजी कॉलेज के कुछ घोटालेबाजों ने परीक्षा के पेपर मांगे और परीक्षा 5 मई को हुई. 4 मई को एक टेलीग्राम चैनल ने प्रश्नपत्र और उत्तर अपलोड किए जिसके बाद परीक्षा 5 मई को हुई.
इन्पुट: सृष्टि ओझा
लंच के बाद बेंच पहले एक बेल के मामले की सुनवाई कर रही है. NEET से जुड़ी शिकायतों पर इसके बाद सुनवाई शुरू की जाएगी.
इन्पुट- सृष्टि ओझा
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम सबसे पहले उन वकीलों को सुनेंगे, जिनमें से कुछ वकील दोबारा परीक्षा की मांग कर रहे हैं, क्योंकि वे पूरी परीक्षा को चुनौती दे रहे हैं. फिर हम एनटीए और सरकार का पक्ष सुनेंगे. अब सुनवाई लंच के बाद जारी की जाएगी.
सोर्स- सृष्टि ओझा
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET UG) में शामिल हुए छात्रों की याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हो गई है. भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.
NEET परीक्षा मुद्दे पर आरजेडी नेता मनोज कुमार झा ने कहा कि 'मेरा मानना है कि इस पूरी व्यवस्था में घोटाले की जड़ NTA है. NTA को खत्म किया जाना चाहिए और ऐसे फैसले लिए जाने चाहिए जो छात्रों के भविष्य के लिए सबसे बेहतर हों'.
लाइव लॉ के मुताबिक, पीठ अभी आइटम 20 पर सुनवाई कर रही है. NEET मामले मद संख्या 31 में सूचीबद्ध हैं.
नीट यूजी मामले को लेकर याचिकाकर्ता अब्दुल्ला मोहम्मद फैज़ ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. याचिकाकर्ता ने कहा कि सीबीआई 6 एफआईआर में मामले की जांच कर रही है, जिसमें एक स्वयं द्वारा दर्ज की गई है और पांच राजस्थान, बिहार और झारखंड सहित विभिन्न राज्यों से हैं. याची ने आगे कहा कि इससे पता चलता है कि नीट पेपर लीक हो गया था और विभिन्न राज्यों में प्रसारित किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट में नीट यूजी मामले को लेकर 38 मामलों में सुनवाई होनी है. अभी तक कोर्ट में सुनवाई शुरू नहीं हुई है.
नीट यूजी की सुनवाई को लेकर एक वकील ने गुजरात के 56 छात्रों द्वारा नीट यूजी परीक्षा फिर से आयोजित करने की याचिका का उल्लेख किया है. इसपर सीजेआई ने वकील से कहा कि जब अन्य नीट यूजी मामले उठाए जाएं तो इस याचिका पर भी बात हो.
सोर्स- लाइव लॉ
NEET UG मामलों को आइटम 31 की लिस्ट में रखा गया है. सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ सुबह 10.30 बजे सुनवाई शुरू करेगी.
एक तरफ नीट कैंडिडेट्स री एग्जाम की मांग कर रहे हैं तो वहीं, ग्रेस मार्क्स वाले कुछ कैंडिडेट्स ने री-एग्जाम ना कराने के लिए याचिका दायर की है. सुप्रीम कोट में 56 छात्रों ने याचिका दायर की है कि नीट यूजी परीक्षा रद्द ना की जाए.
नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने पटना और गोधरा से कई आरोपियों की गिरफ्तारी की हैं. फिलहाल झारखंड के हजारीबाग जिले में स्थित ओएसिस स्कूल सीबीआई की जांच का केंद्र बना हुआ है. सीबीआई जांच के दायरे में अब एक कोचिंग संस्थान का शिक्षक भी आ गया है. सीबीआई इस शिक्षक और ओएसिस स्कूल प्रिंसिपल का कनेक्शन का पता लगाने में जुटी हुई है.
नीट यूजी काउंसलिंग प्रक्रिया 8 जुलाई 2024 से शुरू होने की संभावना थी, जिसे अभी के लिए रोक दिया गया है. नीट यूजी काउंसलिंग आयोजित करने वाली कमेटी मेडिकल काउंसिल कमेटी (MCC) की ओर से अभी काउंसलिंग में देरी के पीछे की वजह नहीं बताई गई है. एमसीसी जल्द ही नोटिस जारी कर इसकी जानकारी दे सकती है.
नीट के कुछ मामलों पर सुनवाई पिछले महीने 18 जून को हो चुकी है. इस सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत द्वारा सरकारी एजेंसी NTA को अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए गए थे. साथ ही, मामलों की अगली सुनवाई 8 जुलाई को किए जाने का निर्णय खण्डपीठ द्वारा लिया गया था.
नीट मामलों की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की खण्डपीठ द्वारा की जानी है. दो अन्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल होंगे.
NEET UG एग्जाम को लेकर चल रहे विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट में 10:30 बजे के बाद सुनवाई शुरू होनी है. 24 लाख छात्र इस सुनवाई और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. इस सुनवाई में परीक्षा रद करके री एग्जाम की मांग, पेपर लीक आदि पर बात होगी.