अब मरीज के लिए थोड़ी आसान हो जाएगी दिल की सर्जरी, KGMU ने निकाला हार्ट सर्जरी का नया तरीका

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में जल्द ही दिल की सर्जरी के लिए एक नए और उन्नत तरीके का इस्तेमाल किया जाएगा. इस तरीके को मिनिमल इनवेसिव कार्डियक सर्जरी कहा जाता है, जिसमें दिल की सर्जरी के बड़े चीर लगाने के बजाए लिए छोटे-छोटे छेद किए जाते हैं. इस सर्जरी के कई फायदे हैं, आइए जानते हैं.

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New method of heart surgery at KGMU, Lucknow New method of heart surgery at KGMU, Lucknow

आशीष श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 11 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:15 AM IST

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) में जल्द ही दिल की सर्जरी के लिए एक नया और उन्नत तरीका लागू किया जाएगा, जिसे मिनिमल इनवेसिव कार्डियक सर्जरी कहा जाता है. इस तकनीक में दिल की सर्जरी के लिए बड़े चीरे के बजाय, छोटे-छोटे छेद किए जाते हैं, जिससे सर्जरी सही और आसान तरीके से होगी.

यह नई तकनीक केजीएमयू को प्रदेश सरकार की ओर से दी गई डेढ़ करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता से लागू की जाएगी. इस तकनीक का उद्देश्य दिल की सर्जरी को और भी आसान सुरक्षित और प्रभावी बनाना है, जिससे मरीजों को जल्दी रिकवरी हो सके. 

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हड्डी को नुकसान पहुंचाए बिना होगी सर्जरी

मिनिमल इनवेसिव कार्डियक सर्जरी में छाती के बाएं हिस्से में छोटे छेद करके दिल तक पहुंचा जाता है. इसमें सर्जन मांसपेशियों को खींचे बिना और हड्डी को नुकसान पहुंचाए बिना दिल तक पहुंचते हैं, जिससे सर्जरी की जटिलता कम हो जाती है. इस प्रक्रिया का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें खून की हानि बहुत कम होती है और संक्रमण का खतरा भी कम हो जाता है.

इस सर्जरी से दर्द होगा काम, जल्दी होगी रिकवरी

इस प्रक्रिया से मरीज को सर्जरी के बाद अस्पताल में कम समय तक रहना पड़ता है और आमतौर पर 2 से 3 दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है, जो पारंपरिक खुली सर्जरी के मुकाबले कहीं अधिक जल्दी रिकवरी की संभावना दिखाती है. इसके अलावा, मरीज को दर्द और अन्य जटिलताओं से भी कम गुजरना पड़ता है. केजीएमयू के कार्डियक सर्जन ने इस नई तकनीक को मरीजों के लिए एक बड़ी राहत बताया है. उन्होंने कहा कि यह तकनीक दिल के ऑपरेशन को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि इससे मरीजों को उबरने में भी कम समय लगेगा, जिससे उनका जीवन और भी बेहतर होगा. इस तकनीक का इस्तेमाल शुरू होने के बाद केजीएमयू राज्य और देश के अन्य चिकित्सा संस्थानों के लिए एक उदाहरण बनेगा, जो इस उन्नत और प्रभावी सर्जरी तकनीक का अनुसरण करेंगे.

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