JPSC exam: छात्रों ने उठाई 7वीं से लेकर 10वीं जेपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग, ये है वजह

JPSC exam: सातवीं से दसवीं जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा परिणाम में लगातार रोल नंबर वाले अभ्यर्थियों के सफल होने के बाद सैकड़ों छात्र आंदोलन कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि पीटी रिजल्ट में भारी गड़बड़ी की आशंका है.

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सत्यजीत कुमार

  • रांची,
  • 16 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST
  • छात्र कर रहें हैं परीक्षा रद्द करने की मांग
  • परीक्षा में गड़बड़ी का विद्यार्थियों ने लगाया आरोप

JPSC exam: झारखंड यूथ एसोसिएशन के बैनर तले 15 नवंबर को सैकड़ों छात्र मोराबादी मैदान में 7वीं से लेकर दसवीं सिविल सेवा पीटी परीक्षा (JPSC exam) रद्द करने की मांग को लेकर जुटे. इस दौरान राज्य सरकार से पूरे परीक्षा प्रकरण की जांच करने की मांग की गई.

सातवीं से दसवीं जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा परिणाम में लगातार रोल नंबर वाले अभ्यर्थियों के सफल होने के बाद सैकड़ों छात्र आंदोलन कर रहे हैं. इसी को लेकर रांची के मोराबादी मैदान के बापू वाटिका के समक्ष छात्रों ने राज्य सरकार से सातवीं से लेकर दसवीं जेपीएससी पीटी परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर जांच करने की मांग के साथ ही इस पूरे परीक्षा प्रकरण को ही रद्द करने की मांग की.

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छठी जेपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग लगातार की जा रही थी और इसके बाद सातवें से लेकर दसवीं जेपीएससी परीक्षा को लेकर भी सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. लगातार जेपीएससी पीटी रिजल्ट में गड़बड़ी के खिलाफ आक्रोशित विद्यार्थियों की ओर से प्रदर्शन किया जा रहा है. 

छात्रों का कहना है कि पीटी रिजल्ट में भारी गड़बड़ी की आशंका है.  रिजल्ट में दिव्यांगों के लिए आरक्षण का पालन नहीं किया गया है. इस रिजल्ट में दिव्यांगों का एक भी रिजल्ट प्रकाशित नहीं हुआ है. साहिबगंज, लोहरदगा, लातेहार जिलों के एक ही परीक्षा सेंटर में उपस्थित होने वाले लगातार क्रमवार विद्यार्थियों को पास कर दिया गया है. हार्ड क्वेश्चन रहने के बावजूद सबसे ज्यादा हाई कटऑफ गया है. जिसके वजह से मेधावी छात्र बाहर हो गए हैं. जेपीएससी शुरू से ही विवादों में रहा है. लेकिन इस बार तो पूरे परीक्षा सेंटर को ही सेटिंग कर लिया गया है.

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इस दौरान सरकार से मांग की गई है कि हाई कोर्ट के न्यायाधीश के नेतृत्व में स्पेशल टीम बनाकर पीटी रिजल्ट की जांच की जाए. एक ही परीक्षा सेंटर से लगातार क्रमवार पास करने वाले अभ्यर्थियों की सीडीआर जांच की जाए.

 

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