दिल्ली यूनिवर्सिटी से जुड़े 12 ऐसे कॉलेजों के 8 शिक्षकों की दिल्ली हाईकोर्ट में पिछले 4 महीने से वेतन नहीं मिलने को लेकर लगाई गई गई याचिका को कोर्ट ने जनहित याचिका में तब्दील करने का निर्देश दिया है. बता दें कि इन शिक्षकों ने अपनी याचिका में दावा किया था कि इन 8 शिक्षकों के अलावा 12 कॉलेजों के टीचिंग और नॉन टीचिंग तकरीबन डेढ़ हजार बाकी स्टाफ को भी पिछले 4 महीने से तनख्वाह नहीं दी गई है.
दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस ज्योति सिंह ने इन सभी शिक्षकों की याचिका को दिल्ली हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल को ट्रांसफर कर दिया है. अब इस याचिका पर 24 सितम्बर को सुनवाई की तारीख़ तय की गई है. दिल्ली हाईकोर्ट में ये याचिका वरिष्ठ वकील अशोक अग्रवाल के माध्यम से दाखिल की गई है. हाल ही में 4 महीने की सैलरी न मिलने को लेकर शिक्षक और कर्मचारी प्रदर्शन भी कर चुके है.
इस याचिका में शिक्षकों की तरफ से कहा गया है कि अप्रैल के बाद से ही उनको कॉलेज से तनख्वाह मिलनी बंद हो गई है जो सीधे सीधे दिल्ली यूनिवर्सिटी एक्ट 1922 का उल्लंघन है. इसके अलावा भारत के संविधान के आर्टिकल 14 और आर्टिकल 21 का भी उल्लंघन है . याचिका लगाने वाले शिक्षकों ने कहा है कि यह सभी पैरा कॉलेज दिल्ली सरकार से 100 फ़ीसदी वित्त पोषित हैं, ऐसे में शिक्षकों का वेतन कैसे रोका जा सकता है. शिक्षकों ने अपनी याचिका में कोर्ट से गुहार लगाई है कि उनके रुके हुए वेतन को तुरंत दिलवाया जाए क्योंकि पिछले 4 महीने से वह सिर्फ आर्थिक तंगी से ही नहीं गुजर रहे हैं बल्कि मानसिक रूप से भी बेहद तनाव में हैं. उनके लिए अपने घर को चलाना बेहद मुश्किल हो रहा है.
शिक्षकों ने अपनी याचिका में कोर्ट को बताया है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन ( डूटा) की तरफ से भी दिल्ली सरकार को 12 कॉलेजों के फंड रिलीज करने के लिए लिखा जा चुका है जिससे कि 1500 शिक्षकों और बाकी कॉलेज के कर्मचारियों को उनके मई से अगस्त तक के रुके हुए 4 महीने के वेतन को दिया जा सके.
जिन 12 कॉलेजों में शिक्षकों और बाकी कर्मचारियों का वेतन मई से रुका हुआ है वह हैं डॉक्टर भीमराव अंबेडकर कॉलेज, भास्कराचार्य कॉलेज आफ अप्लाइड साइंसेज, भगिनी निवेदिता कॉलेज, दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज, आदिति महाविद्यालय, वूमंस कॉलेज इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन, केशव महाविद्यालय, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, महर्षि वाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजुकेशन, शहीद राजगुरू कॉलेज आफ अप्लाइड साइंसेज, शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज और आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज.
इस याचिका पर 24 सितंबर को होने वाली सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार का भी पक्ष जानने को मिलेगा जिससे यह साफ हो सकेगा कि मई के बाद से दिल्ली यूनिवर्सिटी से जुड़े 12 कॉलेजों के 1500 शिक्षक और बाकी के कर्मचारियों का वेतन क्यों नहीं मिल पाया है.
पूनम शर्मा