दिल्ली के प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 9वीं व 11वीं क्लास के बच्चों के अभिभावक लगातार सरकार से ऑनलाइन एग्जाम की मांग कर रहे हैं. इसके लिए दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन (DPA) मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर अनुरोध कर चुका है. सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिलने के बाद अभिभावकों ने अब दिल्ली के उप राज्यपाल समेत तमाम सहायक संस्थाओं को लिखा है.
दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन (DPA) की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने बताया कि पीड़ित पेरेंट्स व बच्चों के साथ कल सोशल मीडिया ट्विटर कैंपेन भी इसी उम्मीद के साथ किया गया था ताकि शिक्षा विभाग संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करे. एसोसिएशन ने एलजी से कहा है कि हमारा प्रयास उन सभी बच्चों व पेरेंट्स की बात को आप तक पहुंचाने का है, जिनकी आवाज़ उनके स्कूल और हमारी सरकार तक नहीं पहुंच रही है.
पत्र में लिखा है कि 17 जुलाई 2020, को MHRD के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से File no 7-11/2020-EE.1 के आदेश जिसका विषय था: "Feedback of Parents concerning to reopening of schools" में कुछ निर्देश दिए गए थे. इसके अनुसार, सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के सेक्रेटरी एजुकेशन को साफ़ तौर पर लिखा गया था कि जिन पेरेंट्स के बच्चे स्कूल जाते हैं, उनका फीडबैक 3 मुख्य बातों पर लिया जाए. फिर उनके जवाब उक्त विभाग को 20 जुलाई तक जमा करवाए जाएं. इन तीन सवालों में पहला था कि पेरेंट्स कब तक स्कूल खुलने में सहज हैं?
दूसरा सवाल था कि आज और स्कूलों के खुलने पर पेरेंट्स की स्कूल से क्या उम्मीदें हैं? और तीसरा था कि अन्य कोई प्रतिपुष्टि या टिप्पणी लिखें. एसोसिएशन का आरोप है कि यदि दिल्ली सरकार व दिल्ली शिक्षा विभाग ने इन सवालों के जवाब अभिभावकों से लेने में अपनी ज़िम्मेदारी निभाई तो यकीन मानिए प्राइवेट स्कूलों वाले 90% से अधिक पेरेंट्स का जवाब आज भी ना में ही मिलता.
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