मध्यप्रदेश क मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषता करते हुए कहा है कि प्रदेश में पुलिस भर्ती बोर्ड का गठन किया जायेगा जिसके ज़रिये ही पुलिस विभाग में भर्तियां की जा सकेंगी. उन्होंने यह घोषणा भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय पदक सम्मान समारोह में की. इसके साथ ही सीएम ने यह भी कहा कि पुलिस, जेल एवं नगर सुरक्षा के शहीदों की विधवा और बच्चों के लिए स्नातक स्तर की सीटों पर दिया जाएगा आरक्षण- वीवीआईपी मूवमेंट में तैनात सुरक्षाकर्मियों को छठवें वेतनमान का विशेष भत्ता एवं जोखिम भत्ता भी दिया जाएगा.
पुलिस भर्तियों में दिखेगी तेजी
दरअसल, वर्तमान में पुलिस विभाग की भर्ती कर्मचारी चयन मंडल से होती है. सीएम मोहन यादव ने कहा कि 'हमारी पुलिस बेहद चुनौतियों के बीच अपना दायित्व निर्वहन करती है. अभी पुलिस विभाग की भर्ती कर्मचारी चयन मंडल से होती है इसमें कुछ वक्त लग जाता है. अब प्रदेश में मप्र पुलिस भर्ती बोर्ड का गठन किया जाएगा जिससे पुलिस भर्तियों में तेजी, पारदर्शिता और परफेक्शन आएगा'. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 के लिए स्वीकृत पदों की भर्ती मप्र पुलिस भर्ती बोर्ड की ओर से कर्मचारी चयन मंडल, भोपाल द्वारा की जायेगी जबकि आगामी वर्षों की भर्तियां 'पुलिस भर्ती बोर्ड' द्वारा की जायेंगी. पुलिस भर्ती पर विशेष जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष हमने 7,500 रिक्त पदों पर भर्ती की अनुमति दी है.
कितने पदों पर होगी भर्ती
पुलिस के करीब 22 हजार 500 पदों पर भर्ती होनी है. इसलिए अब हर साल 7,500-7,500 पदों पर भर्ती कर तीन साल में पुलिस विभाग के सभी रिक्त पद भर दिए जाएंगे. इसके अलावा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पुलिस, जेल और नगर सेना एवं सुरक्षा तीनों विभागों के शहीदों की विधवाओं और बच्चों के लिए स्नातक स्तर के सभी कोर्सेस में विभिन्न प्राथमिकता श्रेणियों में एक अतिरिक्त सीट पर आरक्षण दिया जाएगा. वीवीआईपी ड्यूटी में तैनात सुरक्षा कर्मचारियों सहित उप पुलिस अधीक्षक और इससे उच्च अधिकारियों को भी अब छठवें वेतनमान का पद पात्रता अनुसार निर्धारित विशेष भत्ता एवं जोखिम भत्ता दिया जाएगा.
रवीश पाल सिंह