कौन है बांग्लादेश में 'हसीना हटाओ' आंदोलन का मुख्य चेहरा, ढाका यूनिवर्स‍िटी से कर रहा पढ़ाई

Who is Nahid Islam: सरकारी नौकरी में आरक्षण के लिए शुरू हुए आंदोलन ने ऐसा मोड़ लिया कि प्रधानमंत्री हसीना शेख को अपना देश छोड़ना पड़ गया. इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे छात्र नेता नाहिद इस्लाम. पुलिस ने उनको हिरासत में भी लिया लेकिन जेल से छूटने के बाद उन्होंने अपने आंदोलन को तेज कर दिया, अब उनकी मांग है कि अगले 24 घंटे में अंतरिम सरकार का गठन किया जाए. आइए जानते हैं छात्र नेता नाहिद इस्लाम कौन हैं.

Advertisement
Bangladesh Protest Bangladesh Protest

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 5:36 PM IST

Nahid Islam: बांग्लादेश में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. सड़कों पर खून-खराबा मचा हुआ है. सोमवार को ढाका समेत पूरे देश में 135 लोगों के मारे जाने की खबर सामने आई है. राजधानी ढाका में हालात बेकाबू हो गए हैं. इन कारणों की वजह से शेख हसीना को अपना देश छोड़ना पड़ा है और इसके पीछे छात्र नेता नाह‍िद इस्लाम और उनके साथियों का हाथ बताया जा रह है. 

Advertisement

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के पीछे की वजह जमात-ए-इस्लामी की छात्र इकाई है. पिछले 2 सालों में बांग्लादेश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों में इस्लामिक छात्र शिविर के कई कैडर भर्ती हुए हैं. यहीं से विश्वविद्यालय के छात्रों को भड़काने का काम शुरू किया गया. आरक्षण के खिलाफ पिछले दो महीनों से सड़कों पर धरना-प्रदर्शन कर रहे छात्र इस्लामिक छात्र संगठन के ही थे. इन संगठनों में तीन मुख्य चेहरों के कारण ही हसीना शेख ने अपना वतन छोड़ने को मजबूर हुई हैं. आइए जानते हैं नाह‍िद इस्लाम कौन है.

सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए शुरू हुआ था 'हसीना हटाओ' अभियान

अक्सर माथे पर बांग्लादेशी झंडा बांधे सार्वजनिक रूप से देखे जाने वाले नाहिद इस्लाम ढाका यूनिवर्सि‍टी में समाजशास्त्र के छात्र हैं,  नाह‍िद मीठा बोलते हैं. उनकी नेतृत्व क्षमता ही है कि लगातार 15 साल सत्ता में रहने के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा. सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व 26 वर्षीय नाहिद इस्लाम ने कुछ दिन पहले ही छात्र आंदोलन शुरू क‍िया था. इस अभियान को बाद में 'हसीना को हटाओ' अभियान में बदल दिया गया था. जुलाई के मध्य में पुलिस ने उन्हें और ढाका विश्वविद्यालय के कुछ अन्य छात्रों को हिरासत में लिया, जिसके बाद लोग उन्हें जानने लगे. इन लोगों का यह विरोध प्रदर्शन घातक हो गया था. 

Advertisement

बांंग्लादेश के लिए ऐतिहासिक दिन

नाह‍िद इस्लाम साल 1998 में ढाका में पैदा हुए थे. वे शादीशुदा हैं और उनका एक छोटा भाई नाकिब है. उनके पिता एक शिक्षक हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं. छोटे भाई नाकिब ने अपने भाई नाहिद इस्लाम को लेकर कहा कि देश को बदलने की जरूरत है, उन्हें पुलिस ने उठाया, बेहोश होने तक प्रताड़ित किया और फिर सड़क पर फेंक दिया. इन सबके बावजूद, वे संघर्ष कर रहे हैं. हमें विश्वास है कि वे हार नहीं मानेंगे. हमें उन पर गर्व है. कॉर्नेल विश्वविद्यालय में सरकार की एसोसिएट प्रोफेसर सबरीना करीम, जो राजनीतिक हिंसा का अध्ययन करने में माहिर हैं उन्होंने सोमवार को बांग्लादेश के लिए ऐतिहासिक दिन बताया.

हिंसा में मारे गए कई कॉलेज छात्र

बांग्लादेश में कई हफ़्तों तक चली हिंसा में लगभग 300 लोग मारे गए, जिनमें से कई कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्र थे. यह हिंसा तब थोड़ी हल्की पड़ी जब हसीना ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया. नाहिद इस्लाम और अन्य छात्र नेताओं को मंगलवार को सेना प्रमुख जनरल वकर-उज़-ज़मान से मिलना था. ज़मान ने हसीना के इस्तीफ़े की घोषणा की थी और कहा था कि अंतरिम सरकार बनाई जाएगी. इसके बाद कहा गया कि छात्र सेना द्वारा नेतृत्व या समर्थन वाली किसी भी सरकार को स्वीकार नहीं करेंगे और उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को मुख्य सलाहकार बनाने का प्रस्ताव दिया है.

Advertisement

इस्तीफे के बाद नाहिद इस्लाम ने कहा कि "हमने जिस सरकार की सिफारिश की है, उसके अलावा कोई भी सरकार स्वीकार नहीं की जाएगी. सोमवार को, अन्य छात्र नेताओं के साथ, दाढ़ी वाले और हट्टे-कट्टे नाहिद इस्लाम ने संवाददाताओं से कहा कि "हम अपने उद्देश्य के लिए शहीदों द्वारा बहाए गए रक्तपात को धोखा नहीं देंगे. हम जीवन की सुरक्षा, सामाजिक न्याय और एक नए राजनीतिक परिदृश्य का एक नया लोकतांत्रिक बांग्लादेश बनाएंगे. उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि 170 मिलियन का देश कभी भी उस स्थिति में वापस न लौटेगा और साथी ही छात्रों से अपने हिंदू अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों की रक्षा करने के लिए कहा. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement