फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी को अपनी वेबसाइट पर झूठे और पुराने एक्रेडिटेशन क्लेम दिखाने के लिए नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (NAAC) से कारण बताओ नोटिस मिला है.
यूनिवर्सिटी ने अपने इंजीनियरिंग और एजुकेशन कॉलेजों के लिए 2013 और 2011 से 'A ग्रेड' एक्रेडिटेशन का दावा किया था, लेकिन ये एक्रेडिटेशन बहुत पहले ही एक्सपायर हो चुके थे. एक्रिडिटेशन सिर्फ़ पांच साल के लिए वैलिड थे और 2018 और 2016 के आसपास एक्सपायर हो गए थे.
यूनिवर्सिटी ने बताई वेबसाइट डिजाइन की गलती
यूनिवर्सिटी ने माना कि ये दावा वेबसाइट डिज़ाइन की गलतियों और अनजाने में हुई गलतियों की वजह से उसकी वेबसाइट पर थे. NAAC के निर्देश के बाद गुमराह करने वाली जानकारी हटा दी गई है.
अन्य 25 संस्थानों को भी भेजा गया है नोटिस
NAAC ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. क्योंकि यह स्टूडेंट्स, पेरेंट्स और स्टेकहोल्डर्स को गुमराह करता है. यूनिवर्सिटी के कम्प्लायंस के बाद अभी कोई और सज़ा देने वाली कार्रवाई की योजना नहीं है, लेकिन NAAC ने बड़े पैमाने पर ट्रांसपेरेंसी लागू करने की मुहिम के तहत इस तरह के उल्लंघन के लिए लगभग 25 दूसरे इंस्टीट्यूशन्स को भी नोटिस जारी किए हैं.
छात्रों के अभिभावक वीसी से मिलने यूनिवर्सिटी पहुंचे
दिल्ली ब्लास्ट के बाद से अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े कुछ प्रोफेसर्स का साजिश में नाम जुड़ने के बाद से विश्वविद्यालय सुर्खियों में है. अब जब कार्रवाई की बात की जा रही है तो यहां से एमबीबीएस कर रहे कई छात्र-छात्राओं के अभिभावक यूनिवर्सिटी के वीसी से मिलने पहुंचे हैं.
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दिल्ली ब्लास्ट के बाद से चर्चा में है यूनिवर्सिटी
दिल्ली ब्लास्ट के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नाम चर्चा में आया. ब्लास्ट की साजिश से जुड़े कुछ आरोपी अल-फलाह यूनिवर्सिटी में काम करते थे. इसके बाद यह यूनिवर्सिटी कई जांच एजेंसियों के दायरे में है. इसे साथ ही यूनिवर्सिटी में ED की भी जांच चल रही है.
अनमोल नाथ