जब सीबीएसई की 10वीं, 12वीं की परीक्षाएं कराने का फैसला लिया गया था तब देश में कोरोना के मामले कम थे. लेकिन अब देश के हालात ये हैं कि हर दिन कोरोना से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1,68,912 नए केस सामने आए हैं. जबकि कोरोना महामारी की चपेट में आकर 904 मरीजों की मौत हुई है. वहीं, इस दौरान 75,086 कोरोना मरीज ठीक हुए हैं. ऐसे में 22 दिनों में कैसे बोर्ड एग्जाम होंगे. छात्र और अभिभावक एग्जाम को लेकर डरे हुए हैं और ये तर्क दे रहे हैं.
सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 4 मई से 10 जून के बीच होनी हैं. परीक्षाओं के नतीजे 15 जुलाई तक आएंगे. चेंज डॉट ओआरजी पर पोस्ट किए गए एक पीटिशन में शिक्षा मंत्रालय से इन परीक्षाओं को रद्द करने की गुज़ारिश की गई है. change.org पर तमाम पीटिशन पोस्ट किए गए हैं. जिसमें सरकार से कई सवाल किए गए हैं.
स्टूडेंट्स और पेरेंट्स ने पूछा है कि देश में संक्रमण के मामले कम थे तब सरकार ने परीक्षाएं टालने का फैसला किया था. अब जब स्थिति लगातार खराब हो रही हैं, तब सरकार छात्रों की सुरक्षा को ताक पर रख कर बोर्ड की परीक्षाएं ऑफलाइन क्यों कराना चाहती है. यह मुश्किल समय है जब अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं, ऐसे में बोर्ड एग्जाम कैसे हो पाएंगे.
दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन की प्रेसिडेंट अपराजिता गौतम कहती हैं कि पेरेंट्स लगातार सवाल कर रहे हैं कि इतनी भीषण गर्मी में तीन घंटे मास्क लगाकर परीक्षा देना और ऐसे में कोविड-19 प्रोटोकॉल का कितना पालन हो पाएगा. पहले भी जब स्कूल खुले तो कई छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉक्टर बीबीसी हिंदी से जयेश लेले ने कहा कि बीते एक साल से छात्र घरों पर हैं और उनकी परीक्षाएं नहीं हो पाईं. महामारी से देश ने बहुत कुछ सीखा है. इन सबके बीच सुरक्षित तरीक़े से परीक्षा करवाने के बारे में विचार किया जाना चाहिए. यह देश के सामने बड़ी चुनौती है.
सवाल यह भी उठता है कि अगर कोई छात्र एक या दो परीक्षा देने के बाद कोरोना संक्रमित हो जाता है तो वो अगले एग्जाम कैसे देगा. ऐसे में आइसोलेशन में जाने पर उसके सामने एग्जाम की बड़ी चिंता होगी. अगर परीक्षा सेंटर पर अलग आइसोलेशन रूम में लक्षण वाले बच्चों में कोरोना है तो उनकी कांटैक्ट ट्रेसिंग कैसे होगी.
इन बातों का रखें ख्याल:
स्कूलों को बार-बार सैनिटाइज किया जाए. स्कूल की एंट्री और एग्जिट पर हमेशा अधिक भीड़ जमा होती है और यहां संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में स्कूल की एंट्री और एग्जिट गेट पर सैनिटाइजर की खास व्यवस्था की जाए और भीड़ इकट्ठा न होने दी जाए. मास्क और सोशल डिस्टेन्सिंग के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए. छात्रों के बैठने की जगह में दो कुर्सियों के बीच उचित दूरी बनाई जाए.
जहां पर स्कूलों में अभी कक्षाएं जारी हैं, वहां तुरंत कक्षाएं बंद कर बच्चों को घरों पर तैयारी करने के लिए कहा जाए ताकि परीक्षा के वक़्त तक किसी तरह के ख़तरे को कम किया जा सके. कक्षाओं तक जाने के लिए एक से अधिक वैकल्पिक रास्तों की व्यवस्था हो ताकि छात्र दूसरों के संपर्क में आने से बचें.