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एजुकेशन न्यूज़

कोटा: 'डिनर विद कलेक्टर' में स्टूडेंट्स को दिए ये सक्सेस मंत्र, गाना गाकर बढ़ाया मनोबल

चेतन गुर्जर
  • कोटा,
  • 03 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:30 PM IST
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Success Tips For Kota students: "कामयाब कोटा" अभियान अंतर्गत  जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी ने शुक्रवार को इंद्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र स्थित वासंती रेजीडेंसी में कोचिंग विद्यार्थियों के साथ डिनर करते हुए संवाद किया. स्टूडेंट के बीच पहुंचकर "डिनर विद कलेक्टर" में सक्सेस मंत्र दिए. स्टूडेंट्स को सफलता के गुर बताते हुए उन्होंने कहा कि कर्म में विश्वास रखो, फल जरूर मिलेगा, आज नहीं तो कल मिलेगा. आपकी जिंदगी का यह हिस्सा सिर्फ रास्ता है मंजिल नहीं, बड़े सपने देखें, बड़ी मंजिल तय करें. छोटे-छोटे लक्ष्य तय करते हुए अपनी मंजिल पा लें.

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जिला कलेक्टर के साथ डिनर का मौका पाकर विद्यार्थी नई ऊर्जा से भर गए. उन्होंने जिला कलेक्टर से डेली स्टडी में आने वाली परेशानियों, स्टडी के तौर तरीके, अध्ययन में एकाग्रता, टाइम मैनेजमेंट और सफलता के टिप्स भी लिए. इस बीच स्टूडेंट्स ने जिला कलेक्टर से पढ़ाई और करियर को लेकर कई सवाल भी किए.

 

 

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कलेक्टर ने स्टूडेंट्स के सवालों के दिए ये जवाब
स्टूडेंट्स ने सवाल किए कि अगर मन ना लगे तो कैसे पढ़ाई करें. नकारात्मकता को कैसे दूर करें. थकान, घबराहट हो तो कैसे काबू पाएं. कभी निराशा हो, ऐसा लगे कि हम पेरेंट्स की अपेक्षा पर खरा नहीं उतर पा रहे तो क्या करें? इस पर जिला कलेक्टर ने एक-एक कर सभी सवालों को ध्यान से सुना और फिर सहजता से सकारात्मक की ओर ले जाने वाले जवाब दिए. 

 

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जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी ने बातों-बातों में जिंदगी के फलसफे समझाए. साथ ही अपील की कि वह विफलता से निराश ना हों. हार ना मानें बल्कि विफलताओं से सीखते हुए, चुनौती देते हुए आगे बढ़ते जाएं. लेकिन यह याद रखें की गलतियां वापस न दोहराई जाएं. उन्होंने विद्यार्थियों के सवालों-शंकाओं का समाधान दिया. विद्यार्थी जीवन के अपने अनुभव बांटे जिन्हें ताली बजाकर विद्यार्थियों ने स्वीकार किया.

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कलेक्टर ने गया गाना- 
"डिनर विद कलेक्टर" के दौरान जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी ने अंत में 'आ, चल के तुझे मैं लेके चलूं एक गगन के तले, जहां ग़म भी ना हो, आंसू भी ना हो, बस प्यार ही प्यार पले..'  गीत गाकर स्टूडेंट्स का मनोबल बढ़ाया. छात्राओं ने भी कलेक्टर के साथ मिलकर गीत गाकर स्वर से स्वर मिलाया.

 

 

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एक छात्रा ने सवाल पूछा कि सर अगर नीट नहीं होगा तो क्या करेंगे?
कलेक्टर ने जवाब में कहा कि नीट नहीं होगा तो अल्टरनेटिव हैं, ऐसे कई लोग हैं जो नीट भी फेल हुए तो उन्होंने फिर से अटेम्प्ट किया या दूसरा कोई सेकंड अल्टरनेटिव चुन लिया. उस पर भी जा सकते हैं, कोई अल्टरनेटिव बंद नहीं होता, जिंदगी एक रास्ता बंद करती है तो दूसरा रास्ता खोल देती है.

 

 

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उन्होंने छात्रों से आगे कहा कि हर किसी के जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते हैं और उन उतार-चढ़ाव से पार करके ही इंसान इंसान बनता है. जिला कलेक्टर ने बताया कि छात्राओं ने एग्री भी किया कि लाइफ में बहुत ऑप्शन मिलते हैं और लाइफ इन एग्जाम्स के बियोंड है, जिंदगी एग्जाम से बड़ी है और बहुत विशाल है, जिंदगी में सभी को बड़े काम करने हैं, इन एग्जाम से सिर्फ एक चीज मिलती है, बाकी जिंदगी इससे काफी बड़ी है, आप मेहनत तो कर रहे हैं, आपको खुद को पहचानना होगा कि आप जिंदगी में बहुत अच्छा करने के लिए आए हैं सिर्फ एग्जाम पास करना जिंदगी का उद्देश्य नहीं हो सकता है.

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