कौन हैं जोरावर सिंह... प्रधानमंत्री मोदी ने महान डोगरा योद्धा जनरल को दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं. उन्होंने यहां दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज चिनाब ब्रिज को देश को समर्पित किया. उन्होंने इस दौरान कटरा में जनसभा को संबोधित करते हुए महान डोगरा योद्धा जनरल को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी.

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JORAWAR SINGH JORAWAR SINGH

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2025,
  • अपडेटेड 3:24 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं. उन्होंने यहां दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज चिनाब ब्रिज को देश को समर्पित किया. इस दौरान पीएम मोदी को हाथों में तिरंगा लेकर चिनाब ब्रिज पर चलते हुए भी देखा गया. उन्होंने इस दौरान कटरा में जनसभा को संबोधित करते हुए महान डोगरा योद्धा जनरल को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. आपको बता दें कि जोरावर सिंह कहलुरिया भारत के एक महान सेनानायक थे.

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उन्होने लद्दाख, तिब्बत, बल्तिस्तान, स्कर्दू आदि क्षेत्रों को जीता था. जिससे उन्हें 'भारत का नेपोलियन' कहा जाता है. जनरल जोरावर सिंह कहलुरिया भारतीय इतिहास के एक महान वीर और कुशल सेनापति थेउन्होंने 19वीं सदी के दौरान पंजाब क्षे. त्र में पंजाब के सिख साम्राज्य को कई लड़ाइयों में विजय दिलाई और अपनी सैन्य रणनीतियों से इतिहास में अपनी अलग पहचान बनाई.

भारतीय जनरल ने तिब्बत पर भी की चढ़ाई
जनरल ज़ोरावर सिंह कहलुरिया वो शख़्स थे, जिन्होंने भारत की सीमाओं के चीन की सरहदों तक विस्तार करने का लक्ष्य चुना और इसमें वो लगभग सफल भी हो गया था. नेपोलियन की तरह, जोरावर सिंह भी तेजी से सोचने और योजनाएं बनाकर लड़ाई में जीत हासिल करते थे. जनरल जोरावर सिंह केवल एक योद्धा ही नहीं थे, बल्कि वे पंजाब की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए समर्पित एक वीर देशभक्त भी थे. उनका योगदान पंजाब के इतिहास में अमूल्य है. आज भी उन्हें पंजाब के वीर इतिहास में गर्व से याद किया जाता है. 

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कई युद्ध में लिया भाग 
जोरावर महाराजा रणजीत सिंह के सेनापति और विश्वसनीय साथी थे. उनके सैन्य कौशल और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें न केवल पंजाब के भीतर बल्कि पूरे भारत में एक प्रतिष्ठित सेनापति के रूप में स्थापित किया. उन्होंने कई युद्धों में भाग लिया, जहां उन्होंने अपने अद्भुत युद्ध कौशल का परिचय दिया. उनके नेतृत्व में पंजाब की सिख सेना ने अपने विरोधियों को कई बार हराया. जनरल जोरावर सिंह की तुलना नेपोलियन बोनापार्ट से इसलिए की जाती है क्योंकि दोनों ही महान सेनापतियों ने अपनी सैन्य रणनीतियों से विरोधियों को चिंतित कर दिया था.

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