महान नेत्र चिकित्सक डॉ गोविंदप्पा ने लोगों को किया अंधेपन से दूर, मिल चुका है पद्मश्री अवॉर्ड

महान नेत्र चिकित्सक डॉ. गोविंदप्पा वेंकटस्वामी की आज 100वां जन्मदिन है.  गूगल ने डूडल बनाकर ऐसे किया याद...

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 Dr. Govindappa Venkataswamy Google Doodle Dr. Govindappa Venkataswamy Google Doodle

प्रियंका शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 01 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 9:47 AM IST

गूगल अपने डूडल के जरिए दुनिया भर की महान हस्तियों को याद करता है. आज सर्च इंजन गूगल ने महान नेत्र चिकित्सक डॉ गोविंदप्पा वेंकटस्वामी को उनके 100वें जन्मदिन पर याद किया है. डॉ गोविंदप्पा का जन्म 1 अक्टूबर 1918 को तमिलनाडु में हुआ था. उन्हें पद्मश्री अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.

आइए जानते हैं उनके में...

- डॉ गोविंदप्पा एक भारतीय नेत्र रोग विशेषज्ञ थे जिन्होंने अंधेपन को खत्म करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था.

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- उन्हें डॉक्टर वी.के के नाम से जाना जाता था.

- डॉ गोविंदप्पा प्रसिद्ध अरविंद आई अस्पताल के संस्थापक थे. इस अस्पताल की शुरुआत उन्होंने 11 बेड से की थी. जिसके बाद यहां आंखों से संबंधित बीमारियों का इलाज होने लगा.

- उन्होंने अमेरिकन कॉलेज से केमेस्ट्री में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है.

- साल 1944 में उन्हें मद्रास के स्टैनली मेडिकल कॉलेज से मेडिकल (M.D) डिग्री ली.

- मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह भारतीय सेना में मेडिकल कॉर्प्स के तौर पर करियर की शुरुआत की.  जहां उन्होंने गर्भावस्था और बाल जन्म से संबंधित दवा की एक शाखा बनाई.

- हालांक डॉ गोविंदप्पा का करियर भारतीय सेना  में लंबा नहीं रहा. क्योंकि उन्हें रूमेटॉइड अर्थराइट (गठिया) की बीमारी हो गई था. ये बीमारी इतनी खतरनाक थी कि वह 1 साल तक बिस्तर से नहीं उठ सके.

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-  साल 1951 में वह मेडिकल स्कूल लौट आए और  नेत्र विज्ञान (ऑफ़्थेल्मिक) में डिग्री हासिल की. ​​उन्होंने मोतियाबिंद के मुख्य कारणों में से एक मोतियाबिंद को हटाने के लिए सर्जरी की प्रक्रियाओं को सीखा.

-  डॉ गोविंदप्पा वेंकटस्वामी एक दिन में 100 सर्जरी किया करते थे.

- जो लोग अंधेपन से ग्रस्त थे उनके लिए उन्होंने ग्रामीण समुदायों आखों के लिए कैंप लगवाए थे साथ ही ऑफ्थेमिल्क असिस्टेंट्स के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम स्थापित किए.

- आपको बता दें, उन्होंने  व्यक्तिगत रूप से 100,000 से अधिक सफल आंखों की सर्जरी की है.

-  दुनिया के अंधेपन को दूर करने वाले डॉ गोविंदप्पा का निधन 7 जुलाई, 2006 में 87 साल की उम्र में हो गया .

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