घर से बगावत कर मेरठ की ये लड़की बनी PCS अफसर, ख्वाब है IAS बनना

मां की मौत के बाद बेटी ने अपने सपने को पूरा करने की ठानी. घरवालों ने इसके लिए मना किया तो वो बगावत करके अकेले ही दिल्ली आईं और तैयारी शुरू कर दी. इस बार की UP PCS 2020 परीक्षा निकालने वाली मेरठ की इस बेटी के बारे में जानिए, हिम्मत और हौसला देती है इनकी कहानी.

Advertisement
UP PCS 2020 Sanju Rani Verma UP PCS 2020 Sanju Rani Verma

aajtak.in

  • नई द‍िल्ली ,
  • 22 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 5:00 PM IST

दिल्ली से सटे मेरठ शहर में एक कस्बा है किठौर. इसी कस्बे के पास एक गांव की लड़की की बगावत की कहानी तमाम लड़कियों के लिए नजीर बन गई है. ये लड़की है संजूरानी वर्मा, जिसने आईएएस बनने के अपने सपने के लिए अपना घर छोड़ दिया था. 

जी हां, संजू रानी ने अपने सपनों के लिए पुरानी परंपराओं और सोच से बगावत की, अपनों का विरोध झेला लेकिन बिना डिगे अपने लक्ष्य की दिशा में बढ़ गईं. वो साल 2020 में यूपी पीसीएस की परीक्षा में सेलेक्ट होकर एक पीसीएस अफसर बन गई हैं, लेकिन उनका अभी कलेक्टर बनने का सपना बाकी है. 

Advertisement

aajtak.in से बातचीत में संजूरानी ने कहा कि मेरे घरवाले मेरी शादी करना चाहते थे लेकिन मैं आगे की पढ़ाई करना चाहती थी. फिर साल 2013 में जब मेरी मां की डेथ हुई तो मैंने सोचा कि मैं अलग रहूं, क्योंक‍ि मेरी सोच उनसे (परिवार के पुरुषों) से नहीं मिलती. वो कहती हैं कि सोच आज भी कम मिलती है. परिवार के लोग मेरी शादी करना चाहते थे. तभी मैंने घर छोड़ा और दिल्ली में आकर तैयारी शुरू कर दी. 

वो बताती हैं कि यहां आकर अपना खर्च उठाना बड़ी चुनौती थी, ऐसे में मैं घर पर ट्यूशंस पढ़ाती थी. मेरी आर्ट अच्छी है तो मैंने बच्चों को आर्ट-ड्राफ्ट और पेंटिंग सिखाई. वहीं से स्ट्रगल शुरू किया. अब मेरा प्राथमिक लक्ष्य पूरा हुआ है लेकिन आईएएस बनना अभी भी सपना है. बता दें कि संजू एक दिन मेरठ की डीएम बनना चाहती हैं. वो कहती हैं कि कभी-कभी परिस्थ‍ित‍ियां प्रत‍िकूल हो जाती हैं, लेकिन जब तक आप मेहनत नहीं करते तब तक ये आपके अनुरूप नहीं होतीं.
 
उनके परिवार की बात करें तो संजू के 6 भाई-बहन हैं. पिता रमेशचन्द्र वर्मा छोटा मोटा बिजनेस करके मेरठ में परिवार चला रहे थे. वो बेटियों की पढ़ाई के बाद शादी के पक्ष में थे, ये बात संजू को स्वीकार नहीं थी. वो बचपन से पढ़ाई में मेधावी थीं.
 
संजू की मां भगवती देवी ने तमाम विरोध के बावजूद मेरठ के रघुनाथ गर्ल्स इंटर कॉलेज में संजू का एडमिशन करा दिया. वहां से 12वीं की पढ़ाई के बाद उन्होंने मेरठ के ही आरजी पीजी गर्ल्स कॉलेज से आर्ट्स में 2004 में ग्रैजुएशन की पढ़ाई की. 

Advertisement

ग्रेजुएशन के बाद वो सिविल सेवा की तैयारी दिल्ली से करना चाहती थीं. परिजनों ने इसका विरोध किया तब भी मां ने आगे आकर उनको दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए घर में सबको राजी क‍िया. लेकिन फिर 2007 में वो पीजी करके घर लौट आईं और घर पर रहकर ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. इसके पहले ही चांस में साल 2008 में संजू ने प्रीलिम्स परीक्षा निकाल दी. लेकिन फिर आगे मेंस  नहीं लिख सकीं. 

लेकिन फिर जब 2013 में उनकी मां की मौत हो गई तो वो एकदम अकेली पड़ गईं, उन्हें लगा कि अब उनके सपनों के लिए कौन घर में उनकी वकालत करेगा. उन्होंने किसी तरह अपने पिता से तैयारी करने के लिए कहा तो उन्होंने न कर दिया. लेकिन घर में न मिलने के बावजूद संजूरानी एक दिन दिल्ली आ गईं और यहां तैयारी शुरू कर दी. अब जिसका एक रिजल्ट सबके सामने है. वो नौकरी के साथ साथ तैयारी करके वाण‍िज्य कर अध‍िकारी बनने जा रही हैं. अब आगे एक पड़ाव और बाकी है, जिसे वो हर हाल में पूरा करना चाहती हैं. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement