क्यों SC और सरकार चाहती है कोरोना संकट में हों JEE-NEET परीक्षाएं, ये है वजह

सुप्रीम कोर्ट ने 17 अगस्त को मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा JEE Mains को स्थगित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था.

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सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 5:04 PM IST

NEET और JEE परीक्षा को लेकर छात्र विरोध प्रदर्शन कर कर रहे हैं. अब छात्रों ने भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है. आपको बता दें, 17 अगस्त  2020 को सुप्रीम कोर्ट ने NEET और JEE परीक्षा के आयोजन के‌ खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था. इसके साथ ही परीक्षा आयोजन को हरी झंडी दे दी गई है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकतर छात्रों ने नाराजगी जताई है. सोशल मीडिया पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विरोध प्रदर्शन तेजी से बढ़ गया है. वहीं दूसरी ओर छात्रों को विपक्ष पार्टी के नेताओं का सपोर्ट मिल रहा है. जो सरकार से आग्रह कर कर रहे हैं कि छात्र की बात सुनी जाए, वह हमारे देश का भविष्य हैं.

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परीक्षा को अनुमति देने के पीछे सुप्रीम कोर्ट ने किया दिया तर्क

सुप्रीम कोर्ट ने 17 अगस्त को मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा JEE Mains को स्थगित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था.

याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि क्या देश में सब कुछ रोक दिया जाए? एक कीमती साल को यूं ही बर्बाद हो जाने दिया जाए? याचिका में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते सिंतबर में प्रस्तावित JEE Mains और NEET UG परीक्षाओं को टालने की मांग की गई थी.

बता दें कि जेईई परीक्षा 1 सितंबर से 6 सितंबर तक आयोजित की जानी है. वहीं नीट परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित करने की योजना है. इस परीक्षा को स्थगित करने की मांग को लेकर 11 राज्यों के 11 छात्रों ने ये परीक्षाएं स्थगित करने के अनुरोध के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

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क्या है नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA)  का कहना

JEE- NEET परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एंजेंसी (NTA) की ओर से किया जाता है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद NTA ने परीक्षा स्थगित करने से मना कर दिया है. उनका कहना है कि अगर परीक्षा स्थगित की जाती है तो अगले साल का शैक्षणिक कैलेंडर प्रभावित होगा.

क्या है छात्रों का कहना

छात्रों ने कह कि जब देश में कोरोना के केस कुछ हजार थे, उस समय परीक्षा स्थगित की गई थी. अब देश में 24 घंटे में करीब 70,000 केस आ रहे हैं उस समय परीक्षा  का आयोजन करवाने का क्या मतलब है? क्या सरकार को छात्रों के स्वास्थ्य की बिल्कुल भी परवाह नहीं है. छात्रों ने कहा कि कोरोना संकट के छात्र क्षेत्र ऐसे हैं जो बाढ़ ग्रस्त हैं. बता दें, बिहार-असम में बाढ़ का कहर जारी है. ऐसे में यहां के छात्रों के पास परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए कोई पर्याप्त साधन नहीं है. छात्रों का कहना है कि बाढ़ के कारण काफी कुछ बर्बाद हो गया है. ऐसे में परीक्षा देने कैसे जाएं?

CBSE परीक्षा रद्द होने बाद तेजी से उठी मांग

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के चलते सुप्रीम कोर्ट ने CBSE बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं रद्द की थीं. इसके अलावा कई अन्य परीक्षाएं भी स्थगित की गईं थीं. इस फैसले के बाद से ही NEET और JEE के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. और छात्रों ने सोशल मीडिया पर मुहिम चलानी शुरू कर दी थी. जिसमें अन्य छात्र जुड़ते चले गए. छात्रों का तर्क है कि ऐसे कठिन समय पर जब महामारी चरम पर है, ऐसी परीक्षा आयोजित होने पर उनके स्वास्थ्य पर गलत असर पड़ने पर इसका जवाब कौन देगा.

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कैसे होगी परीक्षा

बता दें कि NEET 2020 के लिए कुल 15,93,452 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया है. 2019 में, पहली बार, 15 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण किया था. NEET 2020 के लिए, जम्मू और कश्मीर से कुल 33,357 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था.

 

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