इंडियन आर्मी और BSF में क्या है फर्क? कितने अलग होते हैं कार्य

सबसे पहले आपको बता दें, भारतीय सेना और बीएसएफ जवानों में अंतर होता है. बीएसएफ सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) में आते हैं. ये सुरक्षा बल गृह मंत्रालय के अधीन आते हैं

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 11:37 AM IST

भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बल भारत की सुरक्षा के लिए तत्पर रहते हैं. देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमा सुरक्षा में भारतीय सेना के साथ कई सुरक्षा बल करते हैं. जिनमें से एक होते हैं बीएसएफ. यानी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ( सीमा सुरक्षा बल). 1 दिसंबर 1965 में बीएसएफ की स्थापना हुई थी.  आइए जानते हैं बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के बारे में. साथ ही जानते हैं कैसे भारत को ये सुरक्षा प्रदान करते हैं.

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भारतीय सेना और बीएसएफ में होता है अंतर

सबसे पहले आपको बता दें, भारतीय सेना और बीएसएफ जवानों में अंतर होता है. बीएसएफ सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) में आते हैं. ये सुरक्षा बल गृह मंत्रालय के अधीन आते हैं

बीएसएफ पीस-टाइम के दौरान तैनात की जाती है, जबकि सेना युद्ध के दौरान मोर्चा संभालती है. बीएसएफ के जवानों को हमेशा सीमा की सुरक्षा के लिए तैयार रहना पड़ता है.

बीएसएफ के जवानों को सीमा पर तैनात किया जाता है, जबकि भारतीय सेना के जवान सीमा से दूर रहते हैं और युद्ध के लिए खुद को तैयार करते हैं. साथ ही यह क्रॉस बोर्डर ऑपरेशन भी करती है. आपको बता दें, भारतीय सेना के जवानों को बीएसएफ के जवानों से ज्यादा सुविधा मिलती है, इसमें कैंटीन, आर्मी स्कूल आदि की सेवाएं शामिल होती है. वहीं भारतीय सेना रक्षा मंत्रालय के अधीन आती है, जबकि बीएसएफ गृह मंत्रालय के अधीन होती है.

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होते हैं ये पद

जहां भारतीय सेना में रैंक लेफ्टिनेंट, मेजर, कर्नल, ब्रिगेडियर, मेजर जर्नल आदि पद शामिल होते हैं वहीं बीएसएफ में पोस्ट कांस्टेबल, हैड कांस्टेबल, एएसआई, डीएआई, आईजी आदि पद होते हैं.


क्या है काम

अर्धसैनिक बल देश में रहकर या सीमा पर देश की सुरक्षा प्रदान करते हैं. अर्धसैनिक बल पूरे देश में आतंकवाद और नक्सलवाद विरोधी अभियानों में भी लगे हुए हैं. इसी के साथ वह वीआईपी सिक्योरिटी में भी मुख्यरूप से अर्धसैनिक बल ही होते हैं.


क्यों गई थी स्थापना

बीएसएफ की स्थापना पाकिस्तान तथा बांग्लादेश के साथ अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं को सुरक्षित बनाने के लिए की गई थी. 'सीमा सुरक्षा बल' के गठन से पहले इन सीमाओं पर संबंधित राज्य की सशस्त्र पुलिस तैनात थी. जिसके बाद एक ऐस सेना की स्थापना की जो  सीमाओं की सुरक्षा के लिए थल सेना की तरह प्रशिक्षित हो तथा सीमा पार अपराध को रोकने के लिए पुलिस की तरह कार्य करें. 1 दिसबंर, 1965 को के. एफ. रुस्तमजी के कुशल नेतृत्व में 'सीमा सुरक्षा बल' का गठन किया गया था.

 

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