जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने अपनी ताकत का एहसास पाकिस्तान को करा दिया है. पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद लगभग दर्जनभर ठिकानों पर भारतीय सशस्त्र बलों ने मिलकर अटैक किया और ऐसा मिसाइल अटैक किया कि पाकिस्तान ने सपने में भी नहीं सोचा होगा. भारतीय सेना के आतंक के खिलाफ इस ऑपरेशन के बाद माहौल गर्माया हुआ है, पाकिस्तान दुनियाभर में जाकर रो रहा है लेकिन भारतीय सेना उसकी हर चाल से निपटने के लिए तैयार भी है.
इस बीच अब उन सभी लोकेशन के बारे में जानकारी भी सामने आने लगी है, जहां पर मिसाइल से अटैक किया गया. बीते दिन ही भारतीय सेना की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस में विस्तार से जानकारी भी दी थी. इसी कड़ी में हम आपको भारतीय सेना के एक ऐसे टारगेट के बारे में बताते हैं, जहां पर एक्शन लिया गया और भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले ठिकाने को तबाह किया. ऑपरेशन सिंदूर में जिस नौवें टारगेट को निशाना बनाया गया, वो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में मौजूद सैयदना बिलाल मरकज़ थी.
क्यों खास है सैयद बिलाल मरकज़?
सैयद बिलाल मरकज़ जैश-ए-मोहम्मद का एक ठिकाना है, जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में मौजूद लाल किले के पास मौजूद है. ये एक तरह जैश-ए-मोहम्मद का दफ्तर है और ट्रेनिंग कैंप भी है, जो इस मस्जिद के पहले माले पर मौजूद था. भारतीय सेना ने इसे मिसाइल से निशाना बनाया और तबाह कर दिया, ये पूरा मरकज़ तीन माले की बिल्डिंग थी. यहां ना सिर्फ आतंकियों की ट्रेनिंग होती थी, बल्कि यहां पर फैमिली क्वार्टर, दफ्तर भी बना हुआ था. जैश-ए-मोहम्मद इस मरकज़ का इस्तेमाल एक कैंप के तौर पर करता था, जहां पर हमेशा ही 50-100 आतंकी मौजूद रहते थे. इन्हें पाकिस्तान स्पेशल फोर्स द्वारा ट्रेंड किया जाता था और फिर यहां से ही इन्हें बॉर्डर पार कराया जाता था, ताकि ये आतंकी भारत में जाकर तबाही मचा सकें.
कौन-से बड़े आतंकी इस ठिकाने पर?
ये मरकज़ कोई छोटा-मोटा कैंप नहीं था, यहां पर ही जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में उसका पूरा कारोबार संभालने वाला मुफ्ती असगर खान कश्मीरी बैठा करता था और इसे मैनेज करता था. अब्दुल्लाह जेहादी और आशिक नेंगरू भी इसी कैम्प से ऑपरेट किया करते थे. इसमें असगर खान और अब्दुल्लाह जेहादी भारत में 2016 में नगरौटा हमला करने के ज़िम्मेदार हैं. मुफ्ती असगर जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अज़हर का करीबी माना जाता है और इस आतंकी संगठन का सबसे महत्वपूर्ण आतंकी भी है.
जबकि अगर आप आशिक नेंगरू की बात करेंगे तो साल 2019 में जो पुलवामा हमला हुआ था और 40 सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए थे. उस हमले में आशिक नेंगरू भारत में वॉन्टेड था, इसके बाद भी वो लगातार भारत में हथियार पहुंचाने, आतंकियों की मदद करने में आगे रहा और यही वजह है कि वो हमेशा ही भारतीय सुरक्षाबलों के निशाने पर रहा है. इनके अलावा भी जैश-ए-मोहम्मद के कई कमांडर इसी मरकज़ से ऑपरेट किया करते थे, ज़ाहिर है तभी भारतीय सेना ने इस मरकज़ को निशाना भी बनाया है.
ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने दिया जवाब
पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने हमला किया, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हुई. इसी के बाद भारत में आतंकियों के खिलाफ एक्शन लेने की मांग हो रही थी, और इसी के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया. 7-8 मई की दरम्यानी रात को भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के अलग-अलग आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया, भारतीय सेना के अनुसार कुल 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. जिसमें मेनलैंड पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के कई ठिकाने शामिल हैं. भारत की इस स्ट्राइक के बाद से ही पाकिस्तान बौखला गया है और लगातार बॉर्डर पर सीज़फायर का उल्लंघन कर रहा है.
aajtak.in