पश्चिम बंगाल में एक और BJP कार्यकर्ता की हत्या, भाजपा बोली- ये इतिहास का काला दौर

बीजेपी ने राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है. बीजेपी ने आनंदपाल की फोटो ट्विटर अकाउंट पर जारी की है. इसमें अधेड़ से दिखने वाले इस शख्स के गले में गहरा जख्म नजर आ रहा है. इस शख्स के कपड़े फटे हैं और हाथ पर जख्म के कई निशान है. ये तस्वीर इतनी वीभत्स है कि हम उसे यहां नहीं डाल सकते हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 जून 2019,
  • अपडेटेड 8:10 AM IST

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के तीन सप्ताह गुजर जाने के बाद भी पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हत्याओं का सिलसिला जारी है. पश्चिम बंगाल के के कूच बिहार जिले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की युवा शाखा के कार्यकर्ता की मंगलवार को हत्या कर दी गई. समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक मृतक शख्स का नाम आनंदपाल है.

बीजेपी ने राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है. बीजेपी ने आनंदपाल की फोटो ट्विटर अकाउंट पर जारी की है. इसमें अधेड़ से दिखने वाले इस शख्स के गले में गहरा जख्म नजर आ रहा है. इस शख्स के कपड़े फटे हैं और हाथ पर जख्म के कई निशान है. ये तस्वीर इतनी वीभत्स है कि हम उसे यहां नहीं डाल सकते हैं.

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बीजेपी ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट में लिखा, "भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ता 28 वर्षीय आनंद पाल की मंगलवार को कूच बिहार जिले के नताबारी इलाके में तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने बेरहमी से हत्या कर दी." इसमें आगे कहा गया, "क्या (मुख्यमंत्री) ममता बनर्जी में कोई दया नहीं है? यह बंगाल के इतिहास का सबसे काला दौर है."

आनंदपाल के बड़े भाई गोविंद पाल ने कहा कि उसका भाई पहले टीएमसी का कार्यकर्ता था, बाद में वह बीजेपी में आ गया था. हालांकि तृणमूल कांग्रेस मृतक को अपना पार्टी कार्यकर्ता बता रही है. मंगलवार सुबह को अपने घर से तीन किलोमीटर दूर एक तालाब के पास से आनंदपाल का शव बरामद हुआ था.

कुछ ही दिन पहले, बीजेपी ने दावा किया कि एक अन्य पार्टी कार्यकर्ता सरस्वती दास की बंगाल के बशीरहाट में हत्या कर दी गई थी. यह घटना उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली में तृणमूल और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़पों के बाद हुईं जहां कम से कम 3 बीजेपी और एक तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता मारे गए थे. पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के पहले राजनीतिक हिंसा तो हुई ही, चुनाव नतीजों के बाद भी टीएमसी और बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है. बीजेपी और टीएमसी एक दूसरे पर पश्चिम बंगाल में हिंसा को भड़काने का आरोप लगा रही है.

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