UP: क्या सच में नेपाल पुलिस ने किया व्यापारी को किडनैप, उठे ये सवाल

अपहरण के अगले दिन किशोरी लाल के बेटे विकास को एक फोन के जरिए यह जानकारी दी गई कि उनके पिता का अपहरण नेपाल की पुलिस ने किया है.

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28 सितंबर को हुआ था व्यापारी का अपहरण 28 सितंबर को हुआ था व्यापारी का अपहरण

परमीता शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 12:08 PM IST

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मड़ियांव थाना इलाके से एक व्यापारी किशोरी लाल सोनी का कुछ दिन पहले अपहरण कर लिया गया था. बाद में उनकी किडनैपिंग का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया. जानकारी के मुताबिक किशोरी लाल का अपहरण 28 सितंबर को किया गया. अपहरण के अगले दिन किशोरी लाल के बेटे विकास को एक फोन के जरिए यह जानकारी दी गई कि उनके पिता का अपहरण नेपाल की पुलिस ने किया है.

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किशोरी लाल पर 5 हत्याओं का आरोप

इसके बाद पुलिस को एक फोन आया और फोन करने वाले ने खुद को नेपाल पुलिस का जवान बताया. उन्होंने बताया कि किशोरी लाल सोनी को एक मामले में गिरफ्तार किया गया है जो नेपाल में साल 2006 में 5 लोगों की हत्या से जुड़ा हुआ है. इसके बाद एक बार फिर विकास की मां यानी जूलर किशोरी लाल सोनी की पत्नी के पास फोन आया, तब विकास ने किडनैपर्स और अपने पिता से बात की.

क्या इसलिए हुई किडनैपिंग?

वर्ष 2004 में किशोरीलाल ने अपनी बेटी दीपा की शादी नेपाल में नेपालगंज के रहने वाले दीपक खेमकर से की थी. लेकिन शादी के दो वर्ष बाद उनके घर में डकैती पड़ी और पक खेमकर समेत 5 लोगों की हत्या कर दी गई, जब समय यह घटना हुई तब दीपा लखनऊ में थीं. 3 वर्ष की कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद दीपा वापस लखनऊ आ गईं.

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2006 में हुई इस घटना के 12 वर्ष बाद अब दीपा के पिता किशोरी लाल को किडनैप किया गया है और किडनैपर्स का दावा है कि वो नेपाल पुलिस के जवान हैं और 12 साल पहले नेपालगंज में हुई हत्या के सिलसिले में किशोरी लाल सोनी को गिरफ्तार किया गया है.

दो देशों के बीच उलझा मामला

इस मामले में किशोरी लाल के घरवालों का कहना है कि वो निर्दोष हैं, उन्होंने कुछ भी नहीं किया. किशोरी लाल की किडनैपिंग का यह मामला बहुत पेचीदा हो गया है. यूपी पुलिस का कहना है कि वो इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कर सकते क्योंकि यह दो देशों के बीच का मामला है. इस मामले में लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी का कहना है कि जिस तरह से किशोरी लाल सोनी की किडनैपिंग हुई उसने हर किसी को हैरान कर दिया है.

ये उठ रहे सवाल

इस मामले में सवाल यह उठता है कि अगर किशोरी लाल को किडनैप करने वाली वाकई नेपाल पुलिस है तो क्या पुलिस लोगों से इस तरह पेश आती है? अगर वो पुलिसवाले थे तो उन्होंने गुंडों की तरह बर्ताव क्यों किया? क्या दूसरे देश की सीमा में घुसकर कार्रवाई करने से पहले किसी भारतीय एजेंसी को इस बारे में जानकारी दी गई थी?

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