उत्तर प्रदेश के सीतापुर में आदमखोर कुत्तों का आतंक जारी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के व्यक्तिगत तौर पर सीतापुर का दौरा करने और अधिकारियों को सख्त निर्देश देने का भी कोई असर नहीं दिख रहा है. रविवार को इलाके के हिंसक हो चुके कुत्तों ने फिर से चार लोगों को जख्मी कर दिया.
बताया जा रहा है कि रविवार को आदमखोर कुत्तों के हमले में शिकार हुए लोगों में एक बच्चे की हालत गंभीर है. घायल बच्चे को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है. उधर खूंखार कुत्तों के आंतक से आजिज ग्रामीणों ने हमलावर कुत्तों में से एक को पीट-पीट कर मार डाला.
रविवार को कुत्तों के हमले की पहली घटना लहरपुर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला शेखटोला में घटी. रविवार को तड़के 22 वर्षीय छोटू शौच क्रिया के लिए बाहर निकला था, तभी खूंखार कुत्तों ने उन पर हमला कर दिया.
छोटू की चीख सुनकर उसके 60 वर्षीय पिता लोकई और 18 साल का छोटा भाई घनश्याम दौड़ कर बाहर आए और कुत्तों को भगाना चाहा. लेकिन कुत्तों ने उन पर भी हमला कर दिया. तीनों की चीख पुकार सुनकर आए ग्रामीणों ने लाठी-डंडे से किसी तरह उन्हें कुत्तों से छुड़ाया और सभी को इलाज के लिए ले गए.
उधर घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने आदमखोर कुत्तों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटना शुरू कर दिया और एक कुत्ते को मार डाला. ग्रामीणों का कहना है कि कुत्तों के शरीर से तेज दुर्गंध आ रही थी. सूचना पर पहुंची पुलिस मौके का मुआयना कर रही है.
वहीं कुत्तों के हमले की दूसरी घटना तालगांव कोतवाली के रमपुरवा हरायपुर गांव में हुई. यहां रविवार सुबह करीब 9 बजे सुरेश अपने भाई के साथ खेत की सिंचाई कर रहा था. जहां सुरेश के आठ साल के बेटे सुशील पर अचानक चार-पांच आदमखोर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया.
जब तक सुरेश व उसके भाई नरेश ने फावड़ा-लाठी लेकर कुत्तों को दौड़ाया, तब तक आदमखोरों ने सुशील को नोच-नोच कर बुरी तरह घायल कर दिया. घायल बच्चे को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
अब तक 14 की मौत
बता दें कि सीतापुर में आदमखोर कुत्तों ने आतंक मचा रखा है और पिछले साल नवंबर से अब तक करीब 14 बच्चों की जान ले ली है. तीन दिन पहले ही शुक्रवार को सीतापुर के मानपुर थाना इलाके में कुत्तों ने 9 साल की एक मासूम बच्ची पर हमला कर उसे बुरी तरह जख्मी कर दिया, जिसके चलते बच्ची की मौत हो गई.
सीतापुर के आदमखोर कुत्तों का सच!
सीतापुर में इन आदमखोर कुत्तों का इस कदर आतंक फैला हुआ है कि ग्रामीण लगातार पहरा दे रहे हैं. बच्चों को घर में रख कर खुद बाहर कुत्तों पर नजरें गड़ाए हैं. जहां कहीं उन्हें कुत्ते के होने की खबर मिलती है उसे लाठी-डंडों से पीट-पीटकर मारा डाला जाता है.
निगरानी के लिए बनाए मचान
सीतापुर के ज्यादातर गांव में आजकल कुछ ऐसा ही मंज़र है. कुत्तो के खौफ ने गांव के गांव लोगों के रहन, सहन, उनकी रुटीन और खास तौर पर बच्चों की मौज-मस्ती तक छीन ली है. यहां तक कि गांव के खेतों तक में रखवाली के लिए अब ज़मीन की बजाए ऊंचे मचान पर ठिकाना बनाया जा रहा है.
आशुतोष कुमार मौर्य