बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र में दलितों पर हुए हमले को लेकर पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है. इस मामले में अभियुक्तों को थाने से ही बेल देने के मामले में एक ASI को निलम्बित कर दिया गया है, जबकि SI से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
वैशाली के SP मंजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि अब इलाके में स्थिति शांतिपूर्ण है. दलितों की बस्ती के पास ही दो सेक्शन फ़ोर्स की एक पुलिस पिकेट स्थापित कर दी गई है. 11 आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी किया गया है. मुजफ्फरपुर रेंज के DIG अनिल सिंह ने इस पर फटकार लगाते हुए सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी का आदेश दिया उसके बाद वैशाली एसपी ने कार्रवाई की.
थाने से बेल बॉण्ड भरवा आरोपियों को छोड़ा
इस मामले में पुलिस पर शुरुआत में दबंगों के खिलाफ चार दिन तक कोई कार्रवाई न करने का आरोप लगा. चौथे दिन पुलिस ने 11 आरोपियों को हिरासत में लिया भी तो चंद घंटे में थाने से ही बेल बॉण्ड भरवाकर सभी आरोपियों को छोड़ दिया गया. इस मामले में एकपक्षीय कार्रवाई करने के आरोप में ASI सुधीर यादव को निलंबित कर दिया गया है.
दरअसल, शनिवार की दोपहर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और कुछ ही घंटे बाद उन्हें थाने से ही बेल बॉण्ड भरने के बाद जमानत भी मिल गई. आरोपियों को थाने से ही जमानत मिलने की खबर जैसे ही DIG अनिल कुमार सिंह को पता चली, उन्होंने तुरंत सभी आरोपियों के बेल बॉण्ड कैंसिल कर दिए.
दबंगों की जाति को लेकर हो रही राजनीति
इस मामले ने राज्य में राजनीतिक रंग ले लिया और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इसे लेकर आरजेडी और तेजस्वी पर जमकर निशाना साधा. इस पूरे मामले को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी काफी गंभीरता से लिया था. नीतीश कुमार ने जेडीयू नेता अशोक चौधरी को राघोपुर दियारा भेजा और उनसे जांच रिपोर्ट तलब की थी.
राघोपुर दियारा के मलिकपुर गांव का दौरा करने के बाद अशोक चौधरी ने बताया कि स्थानीय दबंगों ने दलितों के साथ अत्याचार किया है. दरअसल सत्तारूढ़ जेडीयू इस मामले में यह कहकर आरजेडी और तेजस्वी पर निशाना साध रही है कि दलितों पर हमला करने वाले दबंग यादव कम्युनिटी से हैं.
यह था पूरा मामला
बता दें कि राघोपुर में 28 मई को दबंगों ने दलित बस्ती में जमकर उपद्रव किया और दलितों के पुरे टोले में आग लगा दी थी. बताया जा रहा है कि वैशाली जिले के राघोपुर दियारा के मलिकपुर गांव में जमीन विवाद को लेकर दबंगों ने 15 दलित परिवारों के साथ हाथापाई की और उन्हें बुरे तरीके से पीटा, जिसके बाद उनके घरों में आग लगा दी. घटना के बाद दलित परिवारों ने पुलिस और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई, मगर उन्हें किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिली.
सुजीत झा / आशुतोष कुमार मौर्य