बारूदी सुरंग के बीच स्निफर डॉग ने यूं बचाई CRPF के DIG की जान

कुत्तों को दरवेश यू हीं नहीं कहा जाता. छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित इलाके में एक स्निफर डॉग की वजह से केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के DIG समेत कई अधिकारियों और जवानों की जान बच गई. घटना दंतेवाड़ा जिले की है. यहां बारसूर से करीब 8 किलोमीटर दूर इंद्रावती सातधार पुल के पास IED विस्फोट में CRPF का एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया.

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छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित इलाके की घटना छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित इलाके की घटना

मुकेश कुमार / सुनील नामदेव / खुशदीप सहगल

  • रायपुर ,
  • 29 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 8:41 PM IST

कुत्तों को दरवेश यू हीं नहीं कहा जाता. छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित इलाके में एक स्निफर डॉग की वजह से केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के DIG समेत कई अधिकारियों और जवानों की जान बच गई. घटना दंतेवाड़ा जिले की है. यहां बारसूर से करीब 8 किमी दूर इंद्रावती सातधार पुल के पास IED विस्फोट में CRPF का एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया.

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CRPF की 195वीं बटालियन के जवान को तत्काल इलाज के लिए जगदलपुर भेजा गया. इस ब्लास्ट के कुछ देर बाद CRPF के DIG डीपी उपाध्याय और अन्य अधिकारी मौके पर मुआयने के लिए पहुंचे. सभी जब चढ़ाई वाली जगह पर जा रहे थे, तो CRPF के डॉग स्क्वॉयड के एक स्निफर डॉग का पैर IED पर पड़ गया. धमाका हुआ, लेकिन डॉग ने छलांग लगा दी.

इससे करीब 20 मीटर दूर चल रहे DIG समेत CRPF की टीम सतर्क हो गई और सभी बाल-बाल बचे. बस्तर में स्निफर डॉग्स CRPF और पुलिस के जवानों की कई मौकों पर जान बचा चुके हैं. इस बीच, नक्सल प्रभावित राजनांदगांव जिले के मेइपल्ली गांव में पुलिस ने 12 किमी की बारूदी सुरंग को ढूंढ कर निष्क्रिय किया. सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है.

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यह इलाका छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की सीमा के पास है. बारसूर से नारायणपुर जिले को जोड़ने वाली करीब 60 किमी लंबी सड़क का निर्माण नक्सलियों की दहशत से बंद पड़ा है. इससे दंतेवाड़ा के लोगों को नारायणपुर पहुंचने के लिए बस्तर और कोंडागांव जिले होते करीब 200 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है. यह सड़क बनने से 150 किमी की दूरी कम हो जाएगी.

सड़क निर्माण के लिए करीब डेढ़ साल पहले टेंडर जारी किया गया था. सुरक्षा मिलने के बाद ठेकेदारों ने निर्माण शुरू कराया, लेकिन नक्सलियों ने बंदूक की नोक पर काम रुकवा दिया. इसके बाद नक्सलियों ने इस सड़क के कई हिस्सो में बारूदी सुरंग और प्रैशर बम प्लांट कर दिए. इनमें विस्फोटों की वजह से आधा दर्जन से ज्यादा ग्रामीण मारे जा चुके हैं.

 

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