घर में शौचालय बनवाने के लिए अब तक समझाने-बुझाने में लगे पुलिस-प्रशासन ने अब खुले में शौच करने वालों पर सख्ती बरतनी शुरु कर दी है. पहली बार राजस्थान में खुले में शौच करने पर राज्य के जहाजपुर प्रखंड में पीपलूंद और श्रृंगारचवरी के 6 लोगों को गिरफ्तार कर हवालात में बंद कर दिया. बार-बार खुले में शौच के मनाही के बाद खुले में शौच कर रहे लोगों को जहाजपुर के एसडीएम करतार सिंह ने पाबंद कर आदेश दिया था कि वो खुले में शौच के लिए नही जाएं. लेकिन खुले में शौच करने बैठे 6 लोगों को सरकारी आदेश की नाफरमानी मंहगी पड़ गई. ये जैसे ही शौच कर उठे पुलिस इनका इंतजार कर रही थी.
जुर्माने के बाद जमानत
कई घंटे थाने में बंद करने के बाद जहाजपुर थाने के सब इंस्पेक्टर गुमान सिंह ने इन्हें मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया. कोर्ट में 10-10 हजार के निजी मुचलके पर इन्हें इस शर्त पर जमानत मिली कि अगले 15 दिनों में इन्हें अपने-अपने घरों में शौचालय बनवाना होगा. 15 दिन के अंदर अपने-अपने घरों में शौचालय बनवाने के लिए इन्हें कोर्ट में एफिडेविट भर कर देना पड़ा तब जाकर इन 6 लोगों को जमानत मिल सकी है.
जहाजपुर एसडीएम करतार सिंह अपने ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को निर्देश देकर खुले में शोच मुक्ति के जागरण अभियान के निकले तो पीपलूंद और श्रृंगारचवरी के बीच में खुले मे शौच करते हुए गोरू पुत्र किशन गुर्जर, बंशीलाल पुत्र रामलाल मीणा, धीसू पिता कल्याण माली, जगदीष पिता रूपा खारोल निवासी पीपलूंद रामलाल पिता घीसूलाल माली, श्रवण पिता कल्याण माली बलाई निवासी श्रृंगारचवरी को एसडीएम ने उन्हें समझाया तो भी नहीं माने बाद में एसडीएम ने जहाजपुर पुलिस को सूचना दी. छह घंटे से भी अधिक समय तक इन लोगों को हवालात में रहने के बाद जमानत मिली. एसडीएम करतार सिंह ने कहा कि खुले में शौच से मुक्त कराने के लिए अब उपखण्ड प्रशासन ने कड़ा रूख अख्तियार कर लिया है. इसी कड़ी में यह कार्रवाई हुई है. अब जागरुकता अभियान से अगर कोई समझ नहीं पाया तो उसके खिलाफ कठोर गिरप्तारी जैसी कार्रवाई होगी.
शरत कुमार