डॉक्टरों-तीमारदारों के बीच मारपीट के बाद अस्पताल में हंगामा

यूपी के बहराइच जिला अस्पताल में तीमारदारों और डॉक्टरों के बीच जमकर मारपीट हुई. तीमारदारों ने इमरजेंसी वार्ड में तोड़फोड़ की. आरोप है कि डॉक्टरों ने वार्ड ब्यॉय, स्टॉफ के साथ मिलकर मरीज के साथ आएं तीमारदारों को घेरकर उन पर इमरजेंसी वार्ड में उपलब्ध औजारों से हमला किया. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस टीम पर भी हमला हुआ, जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल है. मामले की जांच की जा रही है.

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अस्पताल में तीमारदारों और डॉक्टरों के बीच जमकर मारपीट अस्पताल में तीमारदारों और डॉक्टरों के बीच जमकर मारपीट

IANS

  • बहराइच,
  • 28 अक्टूबर 2015,
  • अपडेटेड 11:36 PM IST

यूपी के बहराइच जिला अस्पताल में तीमारदारों और डॉक्टरों के बीच जमकर मारपीट हुई. तीमारदारों ने इमरजेंसी वार्ड में तोड़फोड़ की. आरोप है कि डॉक्टरों ने वार्ड ब्यॉय, स्टॉफ के साथ मिलकर मरीज के साथ आएं तीमारदारों को घेरकर उन पर इमरजेंसी वार्ड में उपलब्ध औजारों से हमला किया. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस टीम पर भी हमला हुआ, जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल है. मामले की जांच की जा रही है.

जानकारी के मुताबिक, रामगांव थाना क्षेत्र निवासी मुल्कराज की 30 वर्षीय पत्नी शिवरानी घर में मामूली विवाद को लेकर जहरीला पदार्थ खा लिया था. थोड़ी देर बाद ही उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. मुल्कराज अपने भाई पृथ्वीराज के साथ पत्नी का इलाज कराने बहराइच जिला अस्पताल पहुंचे. आरोप है कि इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों ने मरीज की हालत गंभीर होने का हवाला देते हुए बाहर से दवा लाने को कहा और बाद में रुपये की मांग की.

मुल्कराज ने भाई के दवा लेकर आने पर रुपये देने की बात कही. इसी बीच डॉक्टर और परिजन में तू-तू मैं-मैं होने लगी. देखते ही देखते दोनों के बीच बात इतनी बढ़ गई कि गाली-गलौज तक शुरू हो गई. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर रुपये न देने पर धक्का-मुक्की करने लगे. तीमारदारों ने इसका विरोध किया. इसी बात को लेकर डॉक्टरों और परिजनों के बीच मारपीट शुरू हो गई. देखते ही देखते मामला आगे बढ़ गया.

इस घटना की सूचना मिलते ही नगर कोतवाल राजेंद्र कुमार, रामगांव एसओ डी.पी. कुशवाहा, एसओ बृजेश यादव समेत नगर क्षेत्राधिकारी अनूप कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक दिनेश त्रिपाठी, सिटी मजिस्ट्रेट, एडीएम सभी लोग जिला अस्पताल पहुंचे. पुलिस के आने के बाद गुस्साए परिजनों ने जमकर हंगामा काटा. प्रशासन द्वारा गुस्साएं परिजनों को शांत कराने की कोशिश की गई, लेकिन परिजनों का गुस्सा और बढ़ता गया.

अस्पताल में लगभग पांच घंटे तक हंगामा चलता रहा. प्रशासन द्वारा काफी समझाने के बाद मामला जाकर शांत हुआ. डॉक्टरों ने महिला का उपचार न कर उसे लखनऊ रेफर कर दिया. घटना की जानकारी मिलते ही मुल्कराज के गांव से एक ट्रैक्टर ट्रॉली पर दर्जनों लोग सवार होकर जिला अस्पताल पहुंच गए. सभी इमरजेंसी में घुसकर डाक्टरों को सामने लाने की बात को लेकर अड़ गए. हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा.

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