दिल्ली में RTI एक्टिविस्ट की हत्या, बंद करवा चुके थे कई दुकानें

दिल्ली के अलीपुर इलाके में शुक्रवार की सुबह दिल्ली-पानीपत हाईवे पर एक आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई. शव जीटी करनाल रोड की सर्विस रोड के किनारे झाड़ियों के पास मिला था.

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मौके पर पहुंची पुलिस मौके पर पहुंची पुलिस

अजीत तिवारी / अनुज मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 09 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 8:32 PM IST

दिल्ली के अलीपुर इलाके के बकौली में शुक्रवार की सुबह मिले शव की शिनाख्त हो गई है. मृतक युवक की पहचान नवल किशोर के रूप में हुई है जो कि दिल्ली के बुराड़ी इलाके के झरोदा का रहने वाला है. मृतक लाल किले के सामने चांदनी चौक में कपड़े की दुकान लगाते थे.

साथ ही कई मामलों में आरटीआई भी लगा चुके थे. नवल किशोर के द्वारा लगाए गए आरटीआई के आधार पर कई लोगों की दुकानें सील हो चुकी थीं. परिजनों की माने तो नवलकिशोर पहले भी इस बात का जिक्र कर चुके थे कि आरटीआई लगाने के बाद से कुछ लोग उनके पीछे पड़े हुए हैं. परिजनों का आरोप है कि इसी के चलते नवल किशोर की हत्या कर दी गई.

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दिल्ली के अलीपुर इलाके में दिल्ली-पानीपत हाईवे पर युवक का शव मिलने से सनसनी फैल गई थी. शव जीटी करनाल रोड की सर्विस रोड के किनारे झाड़ियों के पास मिला था, जिसको देखते ही लोगों ने पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच में पाया कि युवक के शव पर चोट के निशान हैं. साथ ही सिर पर गोली के निशान भी मिले, जिसे देख पुलिस पहले ही मान रही थी कि युवक की हत्या की गई है.

अलीपुर थाना पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच शुरू कर दी. आसपास के स्थानों में इस बात की सूचना दी गई और यह भी खंगाला गया कि पिछले कुछ दिनों में किसी के लापता होने की कोई शिकायत किसी थाने में तो नहीं दर्ज कराई गई है. जांच के दौरान युवक की शिनाख्त हुई और युवक की पहचान 40 साल के अंदर किशोर के रूप में हुई.

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नवल किशोर अपने पूरे परिवार के साथ बुराड़ी के झरोदा इलाके में रहता था. उन्होंने कई मामलों को लेकर आरटीआई लगाई थी और कई खुलासे भी किए थे. उन्हीं की RTI लगाने के बाद इलाके की कुछ दुकानों को सील भी किया गया था. नवल किशोर अपनी पत्नी और 3 साल की बच्ची के साथ बुराड़ी इलाके में रहते थे और परिवार में कमाने वाले अकेले थे.

राजधानी दिल्ली में RTI एक्टिविस्ट पर पहले भी हमले हुए हैं जिसके बाद जो लोग किसी भी मामले में RTI लगाते हैं, उनकी सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हुए हैं. यानी राजधानी दिल्ली में भ्रष्टाचार के लिए आरटीआई और आवाज उठाना किसी के लिए भी सुरक्षित नहीं है. ऐसे में सवाल ही खड़े होते हैं कि अगर सबसे व्यस्त और सबसे ज्यादा सुरक्षित माने जाने वाले नेशनल हाईवे पर भी कोई वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाये तो आखिर राजधानी में व्यक्ति अपने आप को सुरक्षित कहां महसूस कर सकेगा.

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