खेराज हत्याकांड: एनकाउंटर के दो साल बाद आनंदपाल को उम्रकैद की सजा

मशहूर गैंगस्टर आनंदपाल के मरने के बाद पहली बार वह किसी केस में दोषी ठहराया गया है. वहीं जिंदा रहते हुए आनंदपाल ज्यादातर केस में बरी हो जाता था. इस मामले में भी आनंदपाल के जीते जी कोई गवाही नहीं दे रहा था. 11 फरवरी 2001 को नागौर में यह हत्याकांड हुआ था.

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आनंदपाल (फाइल फोटो) आनंदपाल (फाइल फोटो)

शरत कुमार

  • जयपुर,
  • 04 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 9:57 AM IST

  • एनकाउंटर के दो साल बाद आनंदपाल को उम्रकैद की सजा
  • दोषी ठहराए गए आरोपियों में 3 गैंगस्टर अब जिंदा नहीं

राजस्थान के मशहूर डॉन आनंदपाल के एनकाउंटर को दो साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन उसके खिलाफ चल रहे मुकदमों पर अब भी फैसला आ रहा है. एक ऐसे ही मामले पर दो साल बाद फैसला आया है. इस मामले में आनंदपाल समेत छह आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. हालांकि ये सजा सुनने के लिए गैंगस्टर आनंदपाल समेत तीन आरोपी अब जिंदा नहीं बचे हैं.

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खेराज हत्याकांड के मामले में डीडवाना के एडिशनल मजिस्ट्रेट ने सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस मामले के दूसरे आरोपी और गैंगस्टर मनीष हरिजन की भी हत्या हो चुकी है और तीसरे संपत सुराणा की भी हार्ट अटैक से मौत हो गई है. चौथा आरोपी मनजीत इस मामले में पहले से अजमेर की सेंट्रल जेल में बंद है. जबकि बाकी दो आरोपी अनिल माली और सुरेंद्र उर्फ सूर्या को पुलिस कोर्ट में लेकर आई.

मशहूर गैंगस्टर आनंदपाल के मरने के बाद पहली बार वह किसी केस में दोषी ठहराया गया है. वहीं जिंदा रहते हुए आनंदपाल ज्यादातर केस में बरी हो जाता था. इस मामले में भी आनंदपाल के जीते जी कोई गवाही नहीं दे रहा था. 11 फरवरी 2001 को नागौर में यह हत्याकांड हुआ था. प्रदीप कुमार पटेल ने जसवंतगढ़ थाने में मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें कहा गया था कि खेराज राम सुजानगढ़ जा रहा था. इस दौरान रास्ते में असोटापुर गांव के पास कच्चे रास्ते में एक मोड़ पर आनंदपाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसे रोका और हत्या कर दी.

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