पुलवामा आतंकी हमले के बाद से बुरी तरह घिरे पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का संकेत दिया है. एक सीनियर सुरक्षा अधिकारी ने इसका खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने सभी आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने का मूड बना लिया है. इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया था कि भारत द्वारा पुलवामा हमले का डोजियर सौंपे जाने के बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुख्य ठिकानों को पाकिस्तान सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया है.
द ट्रिब्यून अखबार ने पाकिस्तान के सुरक्षा अधिकारी के हवाले से यह भी दावा किया कि पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले से पहले ही आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना लिया था. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिर पाकिस्तान मसूद अजहर और अन्य आतंकियों के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई करेगा. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान आतंक के खिलाफ अपनी कार्रवाई के तहत मसूद अजहर को बचाने की जिद छोड़ सकता है. वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की वैश्विक आतंकी की सूची में मसूद अजहर के शामिल किए जाने के अपने विरोध को वापस ले सकता है.
पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर को बचाने के सवाल पर अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान सरकार को यह फैसला लेना था कि उसके लिए कोई आतंकी ज्यादा अहम हैं या फिर राष्ट्रीय हित. पाकिस्तानी अधिकारी ने यह भी साफ किया कि आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का फैसला भारत को फेस सेविंग देने के लिए नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा कि हमको अपने राष्ट्र के हित के लिए खुद को सुधारने की जरूरत है, जिसके चलते आतंकवाद के खिलाफ ये कार्रवाई करने जा रहे हैं.
पाकिस्तानी अधिकारी ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले की जांच भी की है, लेकिन उसमें पाकिस्तानी आतंकियों के हाथ होने का कोई सबूत नहीं पाया है. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तानी नेतृत्व ने फैसला किया था कि अगर पुलवामा आतंकी हमले में किसी के शामिल होने की बात सामने आती है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पाकिस्तान के अधिकारी ने यह भी कहा कि पुलवामा आतंकी हमले का जो डोजियर भारत ने पाकिस्तान को दिया है, उसमें किसी पाकिस्तानी आतंकी संगठन के संलिप्त होने के कोई सबूत नहीं हैं. अगर देखा जाए, तो पाकिस्तान हर मसले पर झूठ बोलता आ रहा है. अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान अब अपनी आतंक की छवि को बदलने की कोशिश कर रहा है.
आपको बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर कार्रवाई की थी और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था. इसमें मसूद अजहर का साला यूसुफ अजहर भी मारा गया था. भारतीय वायुसेना की इस कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमला करने की कोशिश की थी, जिसको विफल कर दिया गया था. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के लड़ाकू विमान एफ-16 को मार गिराया था.
इस हवाई भिड़ंत में भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान मिग-21 भी हादसे का शिकार हो गया था और इसके पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्द्धमान पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में चले गए थे. हालांकि भारत के दबाव के बाद पाकिस्तान ने अभिनंदन को छोड़ दिया था. इस दौरान पाकिस्तान ने भारत से सौदेबाजी करने की भी कोशिश की थी, लेकिन भारत राजी नहीं हुआ था. भारत का कहना है कि पाकिस्तान पहले आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करे, जिसके बाद ही उसके किसी भी तरह की वार्ता की जाएगी.
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