'ऑपरेशन ब्लू स्टार' की 34वीं बरसी के मौके पर एक कार्यक्रम के दौरान स्वर्ण मंदिर परिसर के अंदर बुधवार को झड़प का माहौल देखने को मिला. परिसर में लोग तलवार लहराते और लाठियां भांजते नजर आए. यह संघर्ष कट्टरपंथी सिख तत्वों (खालिस्तान समर्थक) और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के बीच अकाल तख्त के सामने हुआ.
यह घटना स्वर्ण मंदिर परिसर स्थित धार्मिक स्थल 'हरमंदिर साहिब' से महज 100 फीट की दूरी पर हुआ. एसपीजीसी ने कट्टरपंथी तत्वों को कार्यक्रम में व्यवधान डालने से रोकने की कोशिश की, इस दौरान एक शख्स घायल हो गया. वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि टास्क फोर्स के सदस्य अलगाववादी नारे लगा रहे कट्टरपंथी तत्वों पर हमला कर रहे हैं.
ये कट्टरपंथी तत्व खालिस्तान के समर्थन में और भारत विरोधी नारे लगा रहे थे. परिसर में सादे कपड़ों में मौजूद पुलिसकर्मियों ने हालात बेकाबू होने से पहले इसे नियंत्रित करने की कोशिश की. झड़प के दौरान वहां पर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, 'संघर्ष के दौरान एक पगड़ी जमीन पर फेंक दी गई.'
अकाल तख्त के जत्थेदार (प्रमुख) गुरबचन सिंह ने कहा कि जून 1984 में आपरेशन ब्लू स्टार के दौरान सेना की कार्रवाई में मारे गए सैकड़ों लोगों के बलिदान की याद में शांतिपूर्ण तरीके से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सेना ने स्वर्ण मंदिर में मौजूद खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों से मुक्त कराने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार को अंजाम दिया था.
बताते चलें कि आज 6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की 34वीं बरसी को देखते हुए स्वर्ण मंदिर और आसपास के इलाकों में तीन हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. अकाल तख्त पर लाखों सिख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है. इसके मद्देनजर पुलिस अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. करीब 3200 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
एक अधिकारी ने बताया था कि हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन और बाईपास सहित शहर के प्रवेश और निकास मार्गों पर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है. बाहर से नगर में आने वाले वाहनों की गहन जांच की जा रही है ताकि किसी भी शरारती तत्व के प्रवेश को रोका जा सके. एसजीपीसी ने भी अपने स्वयंसेवकों को मंदिर के आसपास तैनात कर रखा है.
मुकेश कुमार