मिर्चपुर कांड में सभी 20 दोषियों को उम्रकैद, जिंदा जलाए गए थे दलित बाप-बेटी

गौरतलब है कि 2011 में अपने फैसले में 82 आरोपियों को रोहिणी कोर्ट ने बरी कर दिया था. जबकि 15 को दोषी बताते हुए कोर्ट ने सजा सुनाई थी. मामले में कुल 97 लोग आरोपी थे.

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दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

पूनम शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 1:11 PM IST

2010 में हरियाणा के मिर्चपुर कांड में दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया है. इस मामले में सभी 20 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. हाईकोर्ट ने इन सभी को SC/ST एक्ट के तहत सजा सुनाई है.

बता दें कि 2010 में हरियाणा के मिर्चपुर कांड में दलितों पर हमले किए गए थे, इसके अलावा दो दर्जन से अधिक दलितों के घर को जला दिया गया था.

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इस मामले में इससे पहले ही दिल्ली की निचली अदालत ने 3 लोगों को उम्र कैद की सज़ा सुनाई थी, जिनके अलावा 17 और लोगों को आज दिल्ली हाइकोर्ट ने दोषी मानते हुए उम्र कैद की सज़ा सुनाई है.

दरअसल, घटना 8 साल पुरानी है जब अप्रैल 2010 में हरियाणा के मिर्चपुर इलाके में 70 साल के दलित बुजुर्ग और उसकी बेटी को जिंदा जिला दिया गया था. जिसके बाद गांव के दलितों ने पलायन कर लिया था.

कोर्ट ने कहा कि इस घटना से दलितों के 254 परिवारों की जिंदगी प्रभावित हुई, उन्हें अपना गांव मिर्चपुर छोड़कर पलायन करना पड़ा. कोर्ट ने कहा कि आज़ादी के 70 साल के बाद भी दलितों के साथ इस तरह की घटना बेहद शर्मनाक है. दलितों के खिलाफ अभी भी अत्याचार कम नहीं हुए है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि हरियाणा सरकार दोबारा उन दलितों को बसाए.

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इस मामले में दंगा भड़काने के 7 आरोपियों को डेढ़ साल की सजा मिली और एक वर्ष के प्रोबेशन पर 10-10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया था जबकि 82 आरोपियों को बरी कर दिया था.

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