ISIS में शामिल होने वाला भारतीय दंपति अफगानिस्तान में, फोटो से हुई पहचान

खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) से कथित तौर पर जुड़ने वाले एक दंपती के अफगानिस्तान में होने का पता चला है. इनका एक बच्चा भी है. यह दंपति उस ग्रुप में शामिल था, जिन्होंने अफगानिस्तान में सरेंडर किया.

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एनआईए द्वारा उपलब्ध कराई गई तस्वीर से हुई दंपति की पहचान एनआईए द्वारा उपलब्ध कराई गई तस्वीर से हुई दंपति की पहचान

गोपी उन्नीथन

  • तिरुवनंतपुरम,
  • 27 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:46 PM IST

  • आईएसआईएस में शामिल होने सीरिया पहुंचा था दंपति
  • दंपति की पहचान फातिमा और बेक्सिन के रूप में हुई
खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) से कथित तौर पर जुड़ने वाले एक दंपती के अफगानिस्तान में होने का पता चला है. इनका एक बच्चा भी है. यह दंपति उस ग्रुप में शामिल था, जिन्होंने अफगानिस्तान में सरेंडर किया. इनकी फोटो से केरल में उनके रिश्तेदारों ने पहचान की है.  

29 वर्षीय निमिषा (फातिमा), उसके पति बेक्सिन और बच्चे की पहचान निमिषा की मां बिन्दु संपथ ने की. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अधिकारियों की ओर से उपलब्ध कराए गए फोटो के आधार पर ये पहचान हुई. इस फोटो को पहचान के लिए बेक्सिन के परिवार से भी साझा किया गया है.

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इस संबंध में अभी विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय या राज्य सरकार की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई है. बिंदु संपथ ने इंडिया टुडे को बताया, “केंद्र सरकार की ओर से कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है. हालांकि एनआईए अधिकारियों ने उस ग्रुप के फोटोग्राफ साझा किए हैं, जिसने सरेंडर किया है. उनमें से मैंने अपनी बेटी निमिषा (फातिमा), उसके पति बेक्सिन और बच्चे को पहचाना है. मैंने फोटो को बेक्सिन की मां के पास भी भेजा तो उन्होंने भी इसकी पुष्टि की.”   

निमिषा ने इस्लाम कबूल करने के बाद अपना नाम फातिमा रख लिया. निमिषा कथित तौर पर अपने पति और बच्चे के साथ 2016 में ISIS में शामिल होने के लिए सीरिया पहुंची थी. भारत छोड़ने के लिए उन्होंने धार्मिक स्टडी के लिए श्रीलंका जाने का बहाना बनाया था. निमिषा के परिवार ने पहले लव जेहाद का आरोप लगाया था, क्योंकि लड़की का धर्म परिवर्तन कराया गया था.

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आपको बता दें कि अभी पीछे ऐसी रिपोर्ट आई थी कि ISIS से जुड़ने के लिए अफगानिस्तान पहुंचने को ईरान रूट का सहारा लिया जा रहा है. उस रिपोर्ट के मुताबिक दो दर्जन संदिग्ध ISIS ऑपरेटिव्स, जिनमें से अधिकांश केरल से थे, उन्होंने भारतीय एजेंसियों को गच्चा देने के लिए ईरान के रास्ते का इस्तेमाल किया.

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