लखनऊ में शुक्रवार को हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की गला रेतकर हत्या कर दी गई. कमलेश तिवारी खुर्शीदबाग में स्थित अपने दफ्तर में थे कि दो लोग मिठाई का डिब्बा साथ लेकर उनसे मिलने आए. कमलेश तिवारी इस बात से बेखबर थे कि उनकी हत्या भी हो सकती है. कमलेश तिवारी पर पहले पिस्टल से गोली चलाई गई लेकिन बाद में गला रेतकर हत्या की गई.
बहरहाल, कमलेश तिवारी के संदिग्ध हत्यारों का वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में दो युवकों के साथ एक युवती भी दिखाई दे रही है. एक युवक के हाथ में पॉलीथिन है. शक है कि इस पॉलीथिन में वो मिठाई का डिब्बा है जिसमें हत्यारे असलहा लेकर आए थे. बहरहाल, पुलिस ने संदिग्धों की पहचान कर ली है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
पिस्टल नहीं चली तो गला रेतकर की हत्या
कमलेश तिवारी से मिलने आए दो लोगों में से एक ने भगवा कपड़े पहन रखे थे. वह मिठाई के डिब्बे में चाकू, कट्टा लेकर आए, तिवारी से मिलने के लिए उनके दफ्तर पहुंचे. हमलावरों ने मिठाई का डब्बा खोला और बंदूक चलाई लेकिन पिस्टल में गोली फंसने की वजह से वो नहीं चल पाई. जिसके बाद हमलावरों ने धारदार हथियार से कमलेश तिवारी का गला रेत दिया.
मिठाई के डिब्बे में लाए थे चाकू, CCTV में कैद हुए कमलेश तिवारी के हत्यारे
धारदार हथियार से हमलावरों ने किए 15 वार
सीसीटीवी कैमरे में कैद वारदात के मुताबिक हमलावरों ने कमलेश तिवारी की ठोड़ी और सीने में चाकू से 15 से ज्यादा वार किए. वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए. सूत्रों के मुताबिक दोनों हमलावरों को पहचान लिया गया है, हालांकि इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई.
हत्या से पहले कमलेश तिवारी के साथ हमलावरों ने पी थी चाय
कमलेश तिवारी के नौकर स्वराष्ट्रजीत सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हमलावरों ने आने से पहले 10 मिनट तक तिवारी जी से फोन पर बात की. उसके बाद जब हमलावर दफ्तर में आए तो उस वक्त सिक्योरिटी गार्ड सोया हुआ था. जिसकी वजह से दोनों शख्स सीधे कमलेश तिवारी से मिलने पहुंचे.
कमलेश तिवारी से उन्होंने करीब आधे घंटे बात की. बातचीत के दौरान कमलेश तिवारी ने दोनों लोगों को दही बड़ा खिलाया और चाय भी पिलाई. फिर उन्होंने तिवारी के नौकर से सिगरेट और मसाला लाने के लिए कहा. जब वो वापस लौटा तो तिवारी का गला धारदार हथियार से रेता हुआ था और खून से लथपथ था. वहीं पास में एक पिस्टल भी पड़ी थी.
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समर्थकों ने सड़कों पर किया हंगामा
कमलेश तिवारी की हत्या के बाद उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा किया. वहीं यूपी के उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा जब कमलेश तिवारी के घर उनके परिजनों से मिलने पहुंचे तो समर्थकों ने मुर्दाबाद के नारे लगाए. दिन दहाड़े हुई कमलेश की हत्या ने लखनऊ पुलिस के माथे पर पसीना ला दिया. तुरंत ही इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई और मौके पर एसटीएफ की तैनाती कर दी गई.
STF कर रही है मामले की जांच
कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में लखनऊ के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि हत्या के आरोपी को पकड़ने के लिए स्मॉल टीम गठित की गई है. मामले की जांच के लिए एसटीएफ को भी लगाया गया है. उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि 48 घंटों के अंदर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. वहीं कमलेश तिवारी हत्याकांड को लेकर लखनऊ के सांसद एवं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पुलिस महानिदेशक और जिलाधिकारी से फोन पर बात की और पूरे मामले की जानकारी ली. साथ ही उन्होंने आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
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कमलेश तिवारी पर ईश निंदा का था आरोप
कमलेश तिवारी ने 2015 में पैगंबर मुहम्मद पर आपत्तिजनक बयान दिया था. जिसके बाद कमलेश तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया था और उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया था. हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने उनके खिलाफ एनएसए रद्द कर दिया था. कमलेश पर एनएसए लगा था जो बाद में हटा लिया गया था.
कमलेश तिवारी ने 2018 में मांगी थी सुरक्षा
कमलेश तिवारी ने 2018 में प्रशासन को एक चिट्ठी लिखी थी. दरअसल, कमलेश तिवारी को अपनी हत्या की आशंका थी. इतना ही नहीं बताया जा रहा है कि कमलेश तिवारी आतंकियों के निशाने पर भी थे. 2017 में गुजरात एटीएस की गिरफ्त में आए ISIS के आतंकी उबैद मिर्जा और कासिम ने कमलेश तिवारी का नाम लिया था. दोनों आतकियों ने बताया कि उनके हैंडलर ने कमलेश तिवारी की करने के लिए कहा था. गुजरात एटीएस की चार्जशीट में कमलेश की हत्या की साजिश का जिक्र था.
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