पहचान छुपाकर भारतीय सेना में भर्ती होने वाला विदेशी नागरिक गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने पहचान चुरा कर विदेशी नागरिकों और फर्जी लोगों को भारतीय सेना में भर्ती होने के मामले का खुलासा किया है. एटीएस ने सोमवार को वाराणसी से ऐसे ही एक नेपाली नागरिक को गिरफ्तार किया, जो दलाल को पांच लाख रुपये देकर सेना की गोरखा राइफल्स कंपनी में भर्ती हुआ था.

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गोरखा राइफल्स कंपनी में भर्ती का गोरखधंधा गोरखा राइफल्स कंपनी में भर्ती का गोरखधंधा

मुकेश कुमार

  • लखनऊ,
  • 24 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 10:57 AM IST

उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने पहचान चुरा कर विदेशी नागरिकों और फर्जी लोगों को भारतीय सेना में भर्ती होने के मामले का खुलासा किया है. एटीएस ने सोमवार को वाराणसी से ऐसे ही एक नेपाली नागरिक को गिरफ्तार किया, जो दलाल को पांच लाख रुपये देकर सेना की गोरखा राइफल्स कंपनी में भर्ती हुआ था.

आईजी असीम अरुण ने सोमवार को बताया कि एटीएस को यह सूचना मिली थी कि वाराणसी में हुई सेना की भर्ती में कुछ विदेशी लोग गलत नाम पते से भर्ती हो गए हैं. गोपनीय रूप से जांच की गई तो तीन नाम प्रकाश में आए, जो 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर वाराणसी से गोरखा राइफल्स में भर्ती हुए थे. आगे की जांच में नए खुलासे हुए.

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उन्होंने बताया कि गहन जांच में पाया गया कि तीनों के चरित्र प्रमाण पत्र नकली हैं. यह लोग किसी अन्य की पहचान पर भर्ती हुए हैं. इन लोगों ने असली व्यक्ति की 'पहचान' चुराई है. क्योंकि इन तीनों में से दो लोगों की पहचान के असली व्यक्ति अपने पते पर रह रहे हैं. तीसरे द्वारा दी गई 'पहचान' की जांच जारी है.

गोपनीय जांच के आधार पर एटीएस थाना लखनऊ में मुकदमा दर्ज कर मामले की विवेचना इंस्पेक्टर विजय मल को दी गई. विवेचना में तीनों आरोपियों के खिलाफ जुटाए गए साक्ष्यों में आरोपों की पुष्टि हुई. इसके बाद 16 अक्टूबर को तीनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ. एटीएस ने वाराणसी में फर्जी दिलीप गिरि से पूछताछ की.

दिलीप गिरि ने जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि उसका असली नाम विष्णु लाल भट्टाराय उर्फ जीवन क्षत्रिय है. वह नेपाल देश के जिला रूपनदेई के थाना देवड़ा के देवड़ा-2 का रहने वाला है, जिसके बाद एटीएस ने उसे वाराणसी के कैंट क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया. दिलीप गिरी को 24 अक्टूबर मंगलवार को लखनऊ न्यायालय में पेश किया जाएगा.

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आईजी के मुताबिक, पकड़े गए विष्णु लाल ने पूछताछ में बताया कि एक दलाल ने उसे पांच लाख रुपये लेकर भर्ती कराया है. एटीएस दलाल की तलाश कर रही है. एटीएस सेना के सहयोग से दो अन्य आरोपियों शिवांश बालियान, जो गोरखा राइफल्स में पोस्टेड है और मनोज कुमार बस्नेत जो गोरखा राइफल्स न्यू जलपाईगुड़ी में पोस्टेड है, जिनकी तलाश जारी है.

इन लोगों को गिरफ्तार कर इनसे जानना होगा कि इनकी असली पहचान क्या है. यह क्यों फर्जी पहचान पर भर्ती हुए? दोनों आरोपियों की तलाश कर गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं. गिरफ्तार सिपाही विष्णुलाल से पूछताछ की जा रही है. इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. देश की सुरक्षा के मद्देनजर ये बड़ा मामला है.

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