नियमों को ताक पर रख महज 30 मिनट में बनाए गए राम रहीम के पासपोर्ट

एक ओर जहां आम आदमी को एक पासपोर्ट बनवाने में भारी मशक्कत करनी पड़ती है, वहीं बलात्कारी बाबा राम रहीम ने नियमों को ताक पर रखकर चंद मिनटों में ही एक नहीं बल्कि दो-दो पासपोर्ट बनवा लिए थे. पुलिस को हाल डेरा में की गई छापेमारी के दौरान राम रहीम के दो पासपोर्ट बरामद हुए थे. इनको बाद में विदेश मंत्रालय को सौंप दिया गया था.

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बलात्कारी बाबा राम रहीम के लिए ताक पर रखे नियम बलात्कारी बाबा राम रहीम के लिए ताक पर रखे नियम

मुकेश कुमार / मनजीत सहगल

  • चंडीगढ़,
  • 07 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST

एक ओर जहां आम आदमी को एक पासपोर्ट बनवाने में भारी मशक्कत करनी पड़ती है वहीं बलात्कारी बाबा राम रहीम ने नियमों को ताक पर रखकर चंद मिनटों में ही एक नहीं बल्कि दो-दो पासपोर्ट बनवा लिए थे. पुलिस को हाल डेरा में की गई छापेमारी के दौरान राम रहीम के दो पासपोर्ट बरामद हुए थे. इनको बाद में विदेश मंत्रालय को सौंप दिया गया था.

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विदेश मंत्रालय इन पासपोर्ट की छानबीन कर रहा है. जांच में सामने आया है कि राम रहीम को जारी किए गए पासपोर्ट में कई नियमों को ताक पर रखा गया था. पासपोर्ट में झूठी सूचना देने के लिए राम रहीम पर पासपोर्ट एक्ट के तहत मामला दर्ज हो सकता है. राम रहीम के दोनों पासपोर्ट में भारी कमियां पाई गई हैं, जो नियमों की धज्जियां उड़ाती हैं.

इन तथ्यों से साबित होता है कि हरियाणा सरकार और पासपोर्ट कार्यालय में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों ने नियमों की धज्जियां उड़ाकर पासपोर्ट जारी किए थे. साल 2015 में पहली बार जारी किए गए पासपोर्ट में राम रहीम ने सिर पर टोपी पहनी है. नियमों के मुताबिक पासपोर्ट के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तस्वीर में टोपी नहीं पहनी जा सकती.

सूत्रों के मुताबिक अंबाला के रीजनल पासपोर्ट कार्यालय द्वारा जारी किए गए इस पासपोर्ट को आधे घंटे के भीतर ही राम रहीम को सौंप दिया गया था. अमूमन पासपोर्ट कार्यालय 9 बजे खुलता है, लेकिन 2015 में राम रहीम का पासपोर्ट जारी करने के लिए विदेश मंत्रालय का स्टाफ सुबह 8:00 बजे ही कार्यालय पहुंच गया था. उसी समय पासपोर्ट की प्रक्रिया शुरू हो गई.

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तत्कालीन पासपोर्ट अधिकारी राकेश अग्रवाल द्वारा तत्काल श्रेणी के तहत जारी किया गया यह पासपोर्ट नियमों के खिलाफ था. जब कार्यालय खुलने का अधिकृत समय ही 9:00 बजे है, तो 8:00 बजे कैसे राम रहीम का प्रार्थना पत्र स्वीकार किया गया. तत्काल पासपोर्ट बनवाने के लिए एडवांस पुलिस वेरिफिकेशन का प्रमाण पत्र भी संलग्न किया गया था.

पासपोर्ट में गुरमीत राम रहीम के नाम के आगे संत गुरमीत राम रहीम इंसान लिखा गया, जबकि नियमों के मुताबिक यह गलत है. पासपोर्ट बनवाने वाले व्यक्ति को सिर्फ अपना असली नाम ही इस्तेमाल करने की इजाजत है. राम रहीम सिर्फ अपने असली नाम गुरमीत सिंह के नाम से ही पासपोर्ट बनवा सकता था, लेकिन नियमों को ताक पर रखा गया.

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