चंद्रशेखर आजाद का एम्स में होगा इलाज, कोर्ट ने तिहाड़ प्रशासन को लगाई फटकार

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन को लताड़ लगाने के साथ ही भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद का इलाज एम्स में कराने का निर्देश दिया है.

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भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद (Courtesy- PTI) भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद (Courtesy- PTI)

पूनम शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:02 PM IST

  • पिछले कुछ दिनों से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं भीम आर्मी चीफ
  • नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान किया गया था गिरफ्तार

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद के इलाज में लापरवाही को लेकर तिहाड़ जेल प्रशासन की जमकर लताड़ लगाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद का इलाज एम्स में कराने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद को तिहाड़ के डॉक्टरों ने साधारण दवाएं दी.

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पिछले कुछ दिनों से तिहाड़ जेल में बंद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद की तबीयत खराब चल रही है. चंद्रशेखर आजाद के फिजिशियन डॉ हरजीत सिंह भट्टी के मुताबिक चंद्रशेखर आजाद एक ऐसी बीमारी से जूझ रहे हैं, जिसके चलते उनको हर दो हफ्ते में इलाज के लिए एम्स ले जाना चाहिए. अगर उनका एम्स में इलाज नहीं कराया जाता है, तो अचानक कार्डियाक अरेस्ट से उनकी जान भी जा सकती है.

डॉ हरजीत सिंह भट्टी ने यह भी कहा कि चंद्रशेखर आजाद पिछले एक साल से इस बीमारी का इलाज करा रहे हैं. चंद्रशेखर आजाद की रिहाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया जा रहा है. फिल्ममेकर अनुराग कश्यप भी चंद्रशेखर आजाद को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के समर्थन में ट्वीट कर चुके हैं.

उन्होंने ट्वीट किया, 'क्या विपक्ष एक साथ आकर यह सुनिश्चित नहीं कर सकता है कि चंद्रशेखर आजाद को मेडिकल हेल्प मिले?' उन्होंने इस ट्वीट में कांग्रेस, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और दिल्ली पुलिस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल को भी टैग किया.

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इसके अलावा फिल्म डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने भी चंद्रशेखर आजाद की बीमारी को लेकर एक ट्वीट शेयर किया, जिसमें उन्होंने कहा कि मैंने उनके डॉक्टर के ट्वीट्स पढ़े. उनको जिस भी इलाज की जरूरत है, वो मिलना ही चाहिए, तभी इस मामले में न्याय होगा. लोगों को प्लीज उठ खड़ा होना चाहिए और इस मामले में फेयर वकालत की अपील करनी चाहिए.

आपको बता दें कि भीम आर्मी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सड़क पर उतरी थी. चंद्रशेखर आजाद ने संविधान की प्रति के साथ जामा मस्जिद में नागरिकता कानून के खिलाफ नारेबाजी की थी. चंद्रशेखर ने सीएए और एनआरसी के विरोध में मार्च का ऐलान किया था. हालांकि पुलिस ने चंद्रशेखर को मार्च की इजाजत नहीं दी थी और उनको जामा मस्जिद के बाहर से गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद उनको कोर्ट में पेश किया गया था. हालांकि कोर्ट ने उनको जमानत देने से इनकार कर दिया था.

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