कोरोना वायरस को हराने के लिए जहां स्वास्थ्य विभाग दिन रात काम कर रहा है, वहीं यूपी के गोंडा में हुई एक घटना ने हेल्थ वर्कर्स का मनोबल तोड़ने का काम किया है. कुछ असामाजिक तत्व इस काम में अड़चनें पैदा कर रहे हैं. बाहर से आए लोगों का नाम लिखने गईं आशा बहुओं से बदसलूकी करते हुए अभिलेख फाड़ दिया गया. उनके साथ ही मारपीट भी की गई है.
कोरोना पर फुल कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
परसपुर सीएचसी अधीक्षक को दिए गए शिकायत पत्र में यहां पर तैनात आशा बहू बीना यादव और नीलम तिवारी ने कहा कि भौरीगंज में दुबई, मुंबई, दिल्ली और कोलकाता से कई लोग आए हुए हैं. अधिकारियों के आदेश पर वह सोमवार को बाहर से आए लोगों का नाम लिखने पूरब तकिया और पठान टोला मुहल्ले में गई थीं. वो 23 लोगों का नाम रजिस्टर में लिख चुकी थीं.
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...
आशा बहुओं का आरोप है कि जैसे ही उन्होंने एक व्यक्ति के दरवाजे पर पहुंचकर नाम लिखना चाहा, वहां पर मौजूद कई लोगों ने अधिकारियों, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के खिलाफ अभद्र टिप्पणी शुरू कर दी. गालियां देते हुए रजिस्टर को फाड़ दिया. साथ ही उनकी लात-घूंसों से पिटाई की. बीना यादव को बचाने आई आशा बहू नीलम तिवारी के साथ भी अभद्रता की गई. दोनों वहां से किसी तरह से जान बचाकर भागीं.
आशा बहुओं ने इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस से कर दी है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और दो लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है.
aajtak.in