तमिलनाडु अपराध शाखा सीआईडी ने पोल्लाची के समीप के 19 वर्षीय एक महिला के यौन उत्पीड़न कांड की जांच अपने हाथ में ले ली है. इस घटना को लेकर राज्य में काफी जनाक्रोश है.
पुलिस महानिरीक्षक (सीबीसीआईडी) श्रीधर और विशेष पुलिस अधिकारी निशान पार्थीबान ने पुलिस अधीक्षक आर पांडियाराजन एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की और इस मामले से जुड़े सारे दस्तावेज हासिल किए.
श्रीधर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सीबीसीआईडी मामले की जांच में चारों आरोपियों से पूछताछ करने के लिए उन्हें हिरासत में देने की मांग करेगी. विशेष टीमें स्थानीय पुलिस द्वारा प्रदत्त दस्तावेजों पर गौर करेगी और जांच में सभी पहलू शामिल होंगे.
मुख्य आरोपी तिरनावक्कारसू समेत सभी चार लोग पिछले महीने इस मामले में गिरफ्तार किए गए थे. बता दें कि पीड़ित महिला के चिल्लाने और हमलावरों से जूझने का वीडियो वायरल हो गया था जिसके बाद से लोग काफी सकते में थें. ऐसी खबर है कि ये चारों पिछले सात साल के दौरान कई अन्य महिलाओं से दोस्ती कर उनका भी यौन उत्पीड़न करने में शामिल रहे हैं.
गौरतलब है कि जब सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के एक कार्यकर्ता ने उत्पीड़न की शिकायत करने पर पीड़िता के भाई के साथ कथित रूप से मारपीट के दौरान इसे मामले पर उस वक्त काफी राजनीति भी हुई थी. उसके बाद उस कार्यकर्ता को अन्नाद्रमुक से बाहर कर दिया गया था.
राज्य सरकार ने मंगलवार को इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश करने का निर्णय लिया. पुलिस के अनुसार गत 12 फरवरी को कोयम्बटूर जिले में पोलाची के निकट एक कार के भीतर एक महिला को निर्वस्त्र करने का प्रयास किया और इस हरकत का वीडियो बना लिया और इसके मार्फत उसे ब्लैकमेल करने एवं उससे जबरन वसूली करने की कोशिश की. गिरोह के चंगुल से किसी तरह छूटने में कामयाब रहने पर पीड़िता ने 24 फरवरी को शिकायत दर्ज करायी थी. और इस कृत्य का एक वीडियो बनाया और उसे ब्लैकमेल किया. पीड़िता ने 24 फरवरी को पुलिस के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराई थी.
पुलिस ने बताया कि इस सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने हाल ही में इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक पर हमला करते हुए पूछा कि क्या सत्तारूढ़ पार्टी आरोपी को बचा रही है दूसरी पार्टियों के नेताओं ने भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी.
बता दें कि मंगलवार को कोयम्बटूर जिला कलेक्टर राजामणि ने पुलिस अधीक्षक आर पांडियाराजन की सिफारिशों के बाद गुंडा कानून के तहत आरोपियों को हिरासत में लिये जाने के आदेश दिए हैं. चार आरोपियों तिरूनावक्कारासु, सतीश, सबरीराज और वसंतकुमार के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं और तमिलनाडु राज्य महिला उत्पीड़न निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और वे पहले से ही जेल में हैं.
aajtak.in