पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर (Bulandshahr Violence) में सोमवार को हुई हिंसा की पड़ताल पुलिस ने शुरू कर दी है. भीड़ की इस हिंसा में एक पुलिसवाले (सुबोध कुमार) और एक आम नागरिक की मौत हो गई है. पुलिस ने अब इस मामले में छापेमारी शुरू कर दी है, रातभर पुलिस ने महाव और चिंगरावठी गांव में छापेमारी की.
पुलिस ने स्याना क्षेत्र से 3 लोगों को गिरफ्तार किया है, इनसे पूछताछ की जा रही है. जबकि 4 लोगों की हिरासत में लिया गया है. पुलिस चश्मदीदों और सामने आई वीडियो-तस्वीरों के आधार पर छापेमारी कर रही है. महाव और चिंगरावठी, दोनों ही गांव घटनास्थल के नजदीक के गांव हैं. कहा जा रहा है कि जो 400-500 लोगों की भीड़ आई थी वह इन्हीं गांवों से आई थी.
अभी तक इस मामले में 75 लोगों पर केस दर्ज किया गया है. 25 लोगों को नामजद किया गया है. पुलिस की कुल 6 टीमों ने 22 ठिकानों पर छापेमारी की है.
SIT जांच से होगा खुलासा: स्थानीय सांसद
बुलंदशहर में हुई हिंसा पर स्थानीय सांसद भोला सिंह ने आजतक से बात करते हुए कहा कि सोमवार को गाय कटने के कुछ अवशेष बरामद हुए थे, जिसके कारण लोगों में गुस्सा था. यही कारण रहा कि लोगों ने वहां जाम लगाया, आक्रोश हुआ तो पुलिसवालों ने लाठीचार्ज किया.
सांसद ने कहा कि इसी दौरान वहां गोली चली और लड़के की मौत हो गई, पुलिसवाला भी घायल हुआ है. जो भी घटना हुई है उसके लिए एसआईटी का गठन किया गया है, रिपोर्ट सामने आने से सारा खुलासा होगा. बीजेपी सांसद ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने उन्हें अभी वहां आने से मना किया है, क्योंकि ऐसे में आक्रोश अधिक हो सकता है.
'हिंदू-मुस्लिम विवाद में गंवाई पिता ने जान'
शहीद पुलिसकर्मी सुबोध कुमार के बेटे अभिषेक ने कहा कि मेरे पिता हमेशा हर धर्म का सम्मान करते थे. वह चाहते थे कि मैं भी अच्छा नागरिक बनूं जो किसी भी प्रकार की हिंसा ना करूं. आज मेरे पिता ने हिंदू-मुस्लिम के झगड़े में अपनी जान गंवाई है, कल पता नहीं किसके पिता के साथ ऐसा हो जाए.
बढ़ाई गई है सुरक्षा
बता दें कि घटना के बाद से ही गर्माते माहौल को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया गया है. मोर्चे पर RAF की 5 कंपनियां तैनात की गई हैं. यहां आने वाले हर वाहन की जांच की जा रही है, ताकि किसी और तरह से माहौल खराब ना हो पाए.
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी-एडीजी से इस घटना की रिपोर्ट दो दिनों में देने को कहा है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की मानें को पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या बाईं आंख में गोली लगने के कारण हुई है.
बुलंदशहर हिंसा की जांच करने के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. इस दौरान एडीजी-इंटेलिजेंस और मजिस्ट्रेट लेवल की जांच भी की जाएगी. यहां हुई हिंसा के चपेट में आए 21 वर्षीय युवक सुमित की भी मेरठ में इलाज के दौरान मौत हो गई.
क्या हुआ बुलंदशहर में...?
गौरतलब है कि सोमवार (3 दिसंबर) को बुलंदशहर के स्याना थाना क्षेत्र के एक खेत में गोकशी की आशंका के बाद बवाल शुरू हुआ. जिसकी शिकायत मिलने पर सुबोध कुमार पुलिसबल के साथ मौके पर पहुंचे थे. इस मामले में एफआईआर दर्ज की जा रही थी, इतने में ही तीन गांव से करीब 400 लोगों की भीड़ ट्रैक्टर-ट्राली में कथित गोवंश के अवशेष भरकर चिंगरावठी पुलिस चौकी के पास पहुंच गई और जाम लगा दिया.
इसी दौरान भीड़ जब उग्र हुई तो पुलिस ने काबू पाने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े और जल्द ही वहां फायरिंग भी होने लगी. जिसमें सुबोध कुमार घायल हो गए और एक युवक भी जख्मी हो गया. सुबोध कुमार को अस्पताल ले जाने से रोका गया और उनकी कार पर जमकर पथराव भी किया गया. अब पुष्टि हुई है कि सुबोध कुमार की मौत गोली लगने से हुई है.
आपको बता दें कि बुलंदशहर के जिलाधिकारी के अनुसार, सुबोध कुमार के सिर में गोली लगी थी, जिस कारण उनकी मौत हुई है. उन्होंने यह भी बताया है कि हमले के बाद जब सुबोध कुमार ने खेत की तरफ जाकर खुद को बचाने की कोशिश की तो भीड़ ने उन पर वहां भी हमला किया.
अरविंद ओझा