पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए सैनिकों के लिए आज सारे देश में आक्रोश की लहर है. वहीं, राजस्थान के झुंझुनूं में दो सैनिक भाईयों की हत्या हो गई लेकिन स्थानीय पुलिस सभी आरोपियों की सही धाराओं में गिरफ्तारी तक नहीं कर पाई. हालात ये हो गए हैं कि सेना के कर्नल और स्थानीय सांसद, राजस्थान सरकार से न्याय दिलाने की गुहार लगा रहे हैं लेकिन उनके कानों में जूं तक नहीं रेंग रही.
42 दिन में एक ही घर के दो सगे फौजी भाईयों की हत्या से राजस्थान के झुंझुनूं में हालात बदतर हो गए हैं. न्याय पाने कि लिए झुंझुनू के सांसद संतोष अहलावत ने 31 जनवरी को गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा. वहीं, सेना में कमान अधिकारी कर्नल नवनीत सिंह थीयारा ने भी 31 जनवरी को ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और खेल मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को पत्र लिखा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. हालात ये हैं कि कर्नल नवनीत सिंह थीयारा को अपने सैनिकों को न्याय दिलाने के लिए हर जगह चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही.
क्या है मामला
झुंझुनूं जिले में शाहपुर के दो भाई अखिलेश व संदीप दोनों देश की सेवा करने के लिए फौज में भर्ती हुए थे. दो माह पहले छोटे भाई की हत्या कर दी गई, दूसरा भाई छुट्टी लेकर भाई के हत्यारों को गिरफ्तार करवाने के लिए कलेक्ट्रेट पर धरने पर बैठे परिजनों व ग्रामीणों के लिए खाना लेकर आ रहा था लेकिन रास्ते में उसकी भी मौत हो गई.
ऐसे हुई थी मौत
दो महीने पहले फौजी अखिलेश शादी के कार्ड बांटने गया हुआ था. 18 दिसंबर 2018 को गांव किढवाना के नजदीक किसी बात को लेकर कुछ युवकों ने मारपीट कर उसे मौत के घाट उतार दिया. परिजनों ने सात लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई जिसमें पांच को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. परिजनों का आरोप था कि गिरफ्तारी में बचे दो आरोपियों में से एक दिल्ली पुलिस में कार्यरत होने पर पुलिस बचाने का प्रयास कर रही है.
इसके बाद दोनों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिजनों व ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पर धरना शुरू कर दिया था. 29 जनवरी को धरने पर बैठे लोगों के लिए अखिलेश का बड़ा भाई संदीप जो खुद भी फौज में था, खाना लेकर आ रहा था लेकिन रास्ते में सड़क हादसे में उसकी भी मौत हो गई. संदीप की दो महीने पहले ही शादी हुई थी. परिजनों का आरोप था कि संदीप की मौत एक्सीडेंट नहीं बल्कि हत्या थी. तब से न्याय पाने के लिए हर तरह से प्रयास चल रहे हैं लेकिन रसूखदारों को राजस्थान की पुलिस हत्या के आरोप में गिरफ्तार ही नहीं कर रही.
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