अमृतसर हमला: अंधेरे में तीर चला रही है पंजाब पुलिस, सुराग देने वाले को 50 लाख

अमृतसर में रविवार को हुए आतंकी हमले में अभी तक पंजाब पुलिस अंधेरे में ही तीर चला रही है. वहीं प्रदेश के सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने मामले में संदिग्‍धों को पकड़वाने कोई भी सुराग देने वाले को 50 लाख रुपये का इनाम देने का एलान किया है.

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मौके पर पहुंची पुलिस(फोटो-PTI) मौके पर पहुंची पुलिस(फोटो-PTI)

कमलजीत संधू / खुशदीप सहगल

  • नई दि‍ल्‍ली,
  • 20 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:41 AM IST

अमृतसर में रविवार को हुए आतंकी हमले में अभी तक पंजाब पुलिस अंधेरे में ही तीर चला रही है. पुलिस को कई सुरागों पर काम कर रही है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक अभी तक हमले के पीछे किस आतंकी संगठन का हाथ है, ये पक्के तौर पर नहीं पता चल सका है.

हालांकि, जांचकर्ताओं को पूरा शक है कि इस हमले को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने खालिस्तानी उग्रवादी संगठन के साथ मिल कर अंजाम दिया है.  

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जांच एजेंसियां गुनहगारों तक पहुंचने के लिए जहां फूंक-फूंककर कदम उठा रही है. वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अडलीवाल ग्रेनेड हमले के संदिग्धों की गिरफ्तारी का सुराग देने वाले को 50 लाख रुपए का इनाम देने का ऐलान किया है.  

एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि ‘कोई जानकारी देना चाहता है तो वो पंजाब पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 181 पर उपलब्ध करा सकता है. जानकारी देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी.’

शुरुआती जांच से सामने आया है कि ग्रेनेड हमला अमृतसर के राजासांसी एयरपोर्ट के पास स्थित अडलीवाल गांव में निरंकारियों के धार्मिक समागम को निशाना बना कर किया गया. हमले को अंजाम देने वाले दो हमलावरों ने अपने चेहरे ढके हुए थे, उनमें से एक की लंबी खुली दाढ़ी थी. दोनों गेट पर सुरक्षाकर्मी को पिस्तौल दिखाकर प्रार्थना सभागृह तक पहुंच गए थे.

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एक धुंधली सीसीटीवी फुटेज में कैद दो संदिग्धों के हमलावर होने की आशंका है. फुटेज में दो लोगों को प्रार्थना सभागृह में हथगोला फेंकने के बाद बाइक पर भागते देखा जा सकता है.

जांच टीम से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडिया टुडे को बताया, ‘हमले में हुए विस्फोट से 3 इंच का गड्ढा हो गया. 30 से 35 वर्ग फीट के कमरे में किरचें चारों ओर फैल गईं. विस्फोट की वजह से 3 लोगों की मौत हो गई और 15 घायल हो गए. फॉरेंसिक टीम ने हमले की जगह का मुआयना करने के बाद ग्रेनेड का सेफ्टी वॉल्व बरामद कर लिया.’

हमले में इस्‍तेमाल हथगोला HG-84 ग्रेनेड था. इसी तरह का ग्रेनेड जैश के टेरर मॉड्यूल से बीते महीने बरामद किया गया था. पंजाब पुलिस ने इस मॉड्यूल को ध्वस्त किया था.

टॉप सूत्रों ने बताया कि हमले में इस्तेमाल किए गए ग्रेनेड से सरहद पार की नापाक ताकतों का इसमें हाथ होने की ऊंची संभावना है.

पंजाब पुलिस के सूत्रों का मानना है कि पाक खुफिया एजेंसी ने हमले के लिए स्थानीय सिख युवकों का इस्तेमाल किया हो. पूरे सुनियोजित ढंग से किए गए इस हमले में सूत्रों का मानना है कि इस जगह की कम से कम दो बार पहले रेकी की गई.

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सूत्रों ने बताया कि हमलावरों को ये पता था कि निरंकारी भवन में सीसीटीवी नहीं है. ग्रेनेड और हथियार पाकिस्तानी मॉड्यूल की ओर से मुहैया कराए गए.

सीएम अमरिंदर सिंह ने अमृतसर जाकर कानून और व्यवस्था की स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने पंजाब पुलिस के डीजीपी सुरेश अरोड़ा और एनआईए के आईजी मुकेश सिंह के साथ विस्तृत बैठक की.

पंजाब पुलिस और एनआईए टीम दोनों का ही कहना है कि अभी किसी आतंकी संगठन का नाम लेना जल्दबाजी होगा. राज्य सरकार अपनी इस लाइन पर कायम है कि इस कायर आतंकी हमले के पीछे अलगाववादी ताकतों का हाथ है, जिन्हें आईएसआई समर्थित खालिस्तानी या कश्मीरी आतंकी संगठन का साथ मिला.  

राज्य सरकार का ये आकलन उन खुफिया सुरागों पर आधारित है, जिनके मुताबिक जैश के 6 या 7 आतंकी सरहद पार से देश में घुसे हैं. अमृतसर में हमले को अंजाम देने वाले दो संदिग्धों की तलाश में व्यापक अभियान छेड़ा गया है लेकिन अभी तक कामयाबी हाथ नहीं लगी है.

एक सवाल के जवाब में अमरिंदर सिंह ने कहा कि इस हमले की तुलना 1978 के निरंकारी टकराव से नहीं की जा सकती. वो धार्मिक मामला था, लेकिन अडलीवाल की घटना विशुद्ध तौर पर आतंकवाद का मामला है.

बता दें कि संत निरंकारी मिशन और पारंपरिक सिखों के बीच 13 अप्रैल 1978 को अमृतसर में हुए टकराव में 13 लोग मारे गए थे. उसी घटना ने आगे चलकर पंजाब में आतंकवाद के दौर की नींव का काम किया.

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मुख्यमंत्री ने अमृतसर में हुए हमले में किसी धार्मिक एंगल की संभावना से जोर देकर इनकार किया. हालांकि, हमले को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है. पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल ने अमरिंदर सरकार को गवर्नेंस में नाकाम बताया है. साथ ही सिख चरमपंथियों के साथ साठगांठ का आरोप भी लगाया है.

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