ड्रग्‍स की ऑनलाइन तस्करी करने वाला शख्स गिरफ्तार

ये सभी प्रतिबंधित दवाइयां भारत में बहुत सस्ते दामों में मिल जाती हैं लेकिन अमेरिका और इंग्लैंड में पहुंच कर इनकी कीमत कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है.

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 NCB ने दिल्ली के फॉरेन पोस्ट ऑफिस से 44 पार्सल बरामद किया था NCB ने दिल्ली के फॉरेन पोस्ट ऑफिस से 44 पार्सल बरामद किया था

अरविंद ओझा / दीपक कुमार

  • गुरुग्राम ,
  • 05 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 3:59 AM IST

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की दिल्ली यूनिट ने अमित नाम के एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो भारी मात्रा में प्रतिबंधित दवाइयों को पार्सल के जरिए विदेशों में भेजता था.

खासतौर पर अमेरिका और इंग्लैंड में इसकी सप्लाई ज्यादा होती थी. इसके अलावा हंगरी और यूरोप के कई दूसरे देशों में इन प्रतिबंधित दवाइयों को भेजा जाता था.  खास बात ये है कि सारा कारोबार ऑनलाइन होता था.

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इसके लिए बाकायदा आरोपी ने गुरुग्राम में एक फार्मास्युटिकल कंपनी भी खोला हुआ था.  इसके साथ-साथ वहां पर उसने एक कॉल सेंटर भी बना रखी थी, जिसके जरिए विदेशों से अपने कस्टमर को संपर्क करता था और उनसे आर्डर लेता था.

अमित ने अपनी 57 वेबसाइट को ऑपरेट करने के लिए बाकायदा 50 से ज़्यादा स्टाफ रखा हुआ था. इसके अलावा कई फर्जी कंपनियां भी खोल रखी थी. वैसे तो यह कंपनियां इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के लिए थीं लेकिन इन्हीं के जरिए भारत से यूरोप तक नशे का कारोबार होता था और विदेशों से पेमेंट ज़ेटक सॉफ्टेक नाम की कंपनी को किया जाता था.

ऐसे पकड़ में आया

दरअसल, बीते 2 अगस्त को NCB ने दिल्ली के फॉरेन पोस्ट ऑफिस से 44 पार्सल बरामद किया था. ये पार्सल अमेरिका और ब्रिटेन जाने वाले थे. इसके बाद NCB गुरुग्राम पहुंची. अमित के कॉल सेंटर और उसकी कंपनी पर छापेमरी कर 22, 410 टैबलेट बरामद किया.

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इसमें Diazapam, zolpidam, clonozapam, Nitrezapam, और Tramadol के अलावा और कई दवाइयां शामिल हैं. यह सभी टैबलेट साइको ट्रॉपिक और नारकोटिक मटेरियल वाले हैं जो कि विदेशों में बैन हैं. 

भारत में यह दवाइयां पेन किलर एंटी एंग्जायटी, नींद की गोलियों के रूप में इस्तमाल किया जाता है. इनको बाजार से खरीदने के बाद सील हटा दिया जाता था और इनपर हर्बल दवाइयों का टैग लगा कर पार्सल किया जाता था. NCB के मुताबिक अमित साल 2014 इस कारोबार में लगा हुआ है.

बता दें कि अमित IT ग्रेजुएट है और प्रतिबंधित दवाइयों की सप्लाई करके 1 साल में करोड़ों रुपये कमाता है. फिलहाल इसके पास से मिली दवाइयों को जब्त कर लिया गया है और पूरे मामले में जांच की जा रही है. इसके अलावा विदेशी एजेंटों को भी तलाश की जा रही है.

 

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