राजस्थान के पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में नया मोड़ आ गया है. अलवर जिले के किशोर न्याय बोर्ड ने पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में दो नाबालिगों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है. इससे पहले अलवर की निचली अदालत ने पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले के 6 आरोपियों को बरी कर दिया था. एडीजे कोर्ट ने इन आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया था. इस मामले में 2 आरोपी नाबालिग थे. लिहाजा इनकी सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में हुई थी.
जब निचली अदालत ने पहलू खान मॉब लिंचिंग के 6 आरोपियों को बरी किया था, तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार को घेरा था. उन्होंने पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले की जांच में खामियों के लिए वसुंधरा राजे सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा था कि कांग्रेस सरकार ने इस मामले की फिर से जांच के लिए एसआईटी गठित की है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह भी आरोप लगाया था कि पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी सरकार ने पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में चार जांच अधिकारियों को बदल दिया था. इसके चलते ठीक से जांच नहीं हो पाई थी और पहलू खान के आरोपी बरी हो गए.
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सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि पहलू खान की मॉब लिंचिंग की खबर एक अप्रैल 2017 को आई थी और एफआईआर 16 घंटे बाद दर्ज की गई थी. शव का पोस्टमॉर्टम चार दिन बाद किया गया था. इतना ही नहीं, आरोपियों की गिरफ्तारी में कोई मुस्तैदी नहीं दिखाई गई थी. इस मामले में तीन अलग-अलग अधिकारियों ने जांच की और आरोपियों के बारे में किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए थे. इस घटना का वीडियो भी बनाया गया था, जिसको भी जब्त कर लिया गया था.
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शरत कुमार