कोरोना इफेक्ट: लखनऊ में दुर्घटनाएं और अपराध घटे, दाह संस्कारों में भी कमी

नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी के मुताबिक ये कमी कई वजहों से आई है. सबसे बड़ी वजह तो ये है कि इस लॉकडाउन की वजह से सड़क हादसों मे भारी कमी आई है. दूसरे इस माहौल में आपराधिक मामलों में होने वाली मौतें भी कम हुई हैं. साथ ही घरों में रहने की वजह से लोग बुजुर्ग और बीमार लोगों की ज्यादा देखभाल कर पा रहे हैं. इसकी वजह से भी संख्या में कमी आई है.

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सांकेतिक तस्वीर (PTI) सांकेतिक तस्वीर (PTI)

शिवेंद्र श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 09 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 11:08 PM IST

  • श्मशान घाट और कब्रगाहों पर शवों की संख्या घटी
  • इस साल अब तक मृतकों की संख्या 300 कम हुई है

लॉकडाउन की तमाम परेशानियों के बीच यह खबर राहत देने वाली है. लॉकडाउन की वजह से लोग घरों मे बैठे हैं जिसकी वजह से शहर में अपराध और दुर्घटनाओं में कमी आई है. लखनऊ में श्मसान घाट और कब्रगाहों में आने वाले मृतकों की संख्या कम हो गई है.

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नगर निगम लखनऊ के आंकड़ों की बात करें तो पिछले साल मार्च-अप्रैल के महीने में लखनऊ के तीन अंतिम संस्कार और शवदाह गृहों में करीब 1132 लोगों को लाया गया था. जबकि इस साल मार्च और अप्रैल के महीने में 836 मामले सामने आए. यानी कि पिछले साल के इन्हीं महीनों की तुलना में इस साल मृतकों की संख्या 300 कम हुई है. नगर निगम लखनऊ के अंतर्गत आने वाली कब्रगाहों में भी इस महीने दाह संस्कारों में बड़ी कमी आई है.

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नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी के मुताबिक ये कमी कई वजहों से आई है. सबसे बड़ी वजह तो ये है कि इस लॉकडाउन की वजह से सड़क हादसों मे भारी कमी आई है. दूसरे इस माहौल में आपराधिक मामलों में होने वाली मौतें भी कम हुई हैं. साथ ही घरों में रहने की वजह से लोग बुजुर्ग और बीमार लोगों की ज्यादा देखभाल कर पा रहे हैं. इसकी वजह से भी संख्या में कमी आई है.

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लखनऊ के बैकुंठ धाम अंतिम संस्कार गृह के व्यवस्थापक संदीप शर्मा बताते हैं कि आमतौर पर यहां पर हर रोज पच्चीस-तीस अंतिम संस्कार करने होते थे लेकिन इन दिनों ये संख्या घटकर चार-पांच रह गई है. लॉकडाउन के चलते जो लोग नहीं आ पा रहे हैं, वे वीडियो कॉल और फोटो के जरिये ही अपने मरने वाले प्रियजनों को अंतिम विदाई दे रहे हैं. बहरहाल वजह चाहे जो हो- लेकिन लॉकडाउन की तमाम परेशानियों और बुरी खबरों के बीच ये बदलाव थोड़ा राहत देनेवाला है.

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