चेन्नईः कांस्टेबल ने गोली मारकर की खुदकुशी, छुट्टी नहीं मिलने से था परेशान

तमिलनाडु में एक पुलिस कांस्टेबल ने छुट्टी न मिलने की वजह से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. हाल ही में मृतक कांस्टेबल का पुलिस आर्म्स फोर्स, चेन्नई ट्रांसफर किया गया था.

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मृतक कांस्टेबल गोपीनाथ (फाइल फोटो) मृतक कांस्टेबल गोपीनाथ (फाइल फोटो)

प्रमोद माधव / राहुल सिंह

  • चेन्नई,
  • 25 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 1:47 PM IST

तमिलनाडु में एक पुलिस कांस्टेबल ने छुट्टी न मिलने की वजह से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. हाल ही में मृतक कांस्टेबल का पुलिस आर्म्स फोर्स, चेन्नई ट्रांसफर किया गया था. पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है.

मृतक कांस्टेबल का नाम गोपीनाथ था और वह मदुरई का रहने वाला था. गोपीनाथ के साथी पुलिसकर्मियों की माने तो वह पिछले काफी वक्त से काम के प्रेशर की वजह से तनाव में था. गोपीनाथ कुछ दिनों की छुट्टी लेकर अपने घर जाना चाहता था लेकिन उसे छुट्टी नहीं मिल रही थी. कई मौकों पर गोपी अपने साथियों के साथ अपने तनावग्रस्त हालातों का जिक्र कर चुका था.

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शनिवार शाम गोपीनाथ ड्यूटी के बाद अपने कमरे में गया और अपनी सर्विस रायफल से उसने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. गोली की आवाज सुनते ही साथी पुलिसकर्मी गोपी के कमरे की ओर दौड़े. आनन-फानन में गोपी को अस्पताल ले जाया गया लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई. पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुटी है.

साथी पुलिसकर्मियों की माने तो काम के अत्यधिक प्रेशर की वजह से वह लोग काफी तनाव में रहते हैं. उनसे घरेलू काम करवाए जाते हैं. कई बार वीआईपी ड्यूटी में तैनाती करते हुए उनसे डबल शिफ्ट तक करवाई जाती है. मामले की शिकायत करने पर उच्च अधिकारियों द्वारा उनकी शिकायतें खारिज कर दी जाती है.

गौरतलब है कि डीएमके नेता एम.के. स्टालिन ने यह मुद्दा उठाते हुए बताया था कि प्रदेश में 19517 पुलिसकर्मियों की भर्ती की जानी है. प्रदेश में पुलिस फोर्स की भारी कमी है. स्टालिन ने मुख्यमंत्री जयललिता के बंगले की सुरक्षा में 240 पुलिसकर्मियों की तैनाती पर भी गंभीर सवाल खड़े किए थे. स्टालिन ने मुख्यमंत्री से बंगले की तैनाती में सुरक्षाकर्मियों की संख्या कम करने की मांग की थी.

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